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1st Bihar Published by: Updated Mon, 08 Aug 2022 02:24:07 PM IST
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PATNA: बिहार में एनडीए में टूट की संभावना जतायी जा रही है। फर्स्ट बिहार इस बात का खुलासा कर रहा है कि क्यों एनडीए में टूट की नौबत आई। तीन दिनों से लगातार FIRST BIHAR इस सियासी हलचल पर चर्चा कर रहा हैं। हमने कहा था कि एक दो दिनों के अंदर बड़ी बैठक होने वाली है। सोमवार को फर्स्ट बिहार की खबर पर मुहर उस वक्त लगी जब जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन ने घोषणा किया कि मंगलवार को जेडीयू ने विधायक दल की बैठक बुलाई है। वही राजद, कांग्रेस और हम पार्टी ने भी बैठक बुलाई है।
अब बात करते है कि आखिर वह कौन सी वजह थी कि बीजेपी के साथ रहना बहुत मुश्किल हो रहा है। दरअसल आरसीपी सिंह के जरिये चिराग मॉडल को ऑपरेट करने की कोशिश जेडीयू के अंदर की जा रही थी। ललन सिंह जिस बात को चिराग मॉडल कह रहे हैं दरअसल वो बीजेपी के लिए वह एकनाथ शिंदे का मॉडल था। बता दें कि एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री हैं। एकनाथ शिंदे के जरीये महाराष्ट्र में कौन सा खेल खेला गया यह बताने की जरूरत नहीं है।
देवेन्द्र फड़णवीस महाराष्ट्र में तमाम सिरासी हलचल के बीच रणनिती बना रहे थे और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम बन गये और एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री। बिहार में एकनाथ शिंदे बनाने की तैयारी आरसीपी सिंह कर रहे थे। लेकिन इस बात की जानकारी किसी तरह जेडीयू के नेताओं को हो गयी। जिसके बाद पार्टी ने आरसीपी सिंह से संपत्ति का ब्योरा मांगा। पार्टी द्वारा नोटिस भेजे जाने के बाद शनिवार को आरसीपी सिंह ने इस्तीफे की घोषणा कर दी। जिसके बाद ललन सिंह का यह बयान सामने आया कि आरसीपी सिंह जेडीयू को तोड़ना चाहते थे।
बता दें कि 2020 के चुनाव के दौरान बीजेपी नेता भूपेन्द्र यादव से नीतीश कुमार की नाराजगी देखी गयी थी। जब धर्मेंद्र प्रधान पटना आए तो नीतीश ने कहा कि गठबंधन धर्म का पालन बीजेपी नहीं कर रही है। जब आरसीपी सिंह केंद्र में मंत्री थे तब उन पर कई तरह के आरोप लगे। पार्टी के विधायकों को पार्टी का नेता बदले जाने की बात कही जाने लगी। लेकिन इसकी भनक नीतीश को लग गयी। जिसके बाद धर्मेन्द्र प्रधान को इस बात की जानकारी दी। नीतीश कुमार अपनी कुर्सी बचाने के लिए बीजेपी से दूरी बनाने लगे।
नीतीश कुमार की नाराजगी बिहार बीजेपी के प्रभारी संजय जायसवाल और बिहार से आने वाले एक कद्दावर नेता जो केंद्र में बड़ी भूमिका में हैं उनसे थी। लेकिन उन्होंने आरसीपी सिंह के साथ मिलकर जो खेल खेला उस बात की जानकारी नीतीश कुमार को लग गयी। उन्हें यह महसूस हो गया कि उनके पीठ पीछे उनकी पार्टी जदयू और विधायकों को उड़ा ले जाने की साजिश हो रही है। दरअसल वह दौर था जब आरसीपी केंद्र में मंत्री बन चुके थे।
आरसीपी पर यह आरोप लग रहे थे कि वे नीतीश कुमार से ज्यादा बफादार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के हो गये हैं। इन तमाम आरोपों के बीच आरसीपी की नजदिकियां केंद्रीय मंत्रिमडल में शामिल एक और मंत्री से हुई। नीतीश कुमार जब पता चला कि बिहार में नेता बदलने का षडयंत्र चल रहा है। बिहार के चाणक्य कहे जाने वाले नीतीश कुमार को जब इसकी भनक लगी तब उन्होंने धर्मेन्द्र प्रधान और बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व को बता दिया कि अब ऐसे रिश्ता नहीं चलेगा।
मिली जानकारी के अनुसार नीतीश ने कह दिया कि एक बार गलती हो चुकी है दोबारा इस गलती को करना गठबंधन धर्म का पालन नहीं हो सकता। जिस बीजेपी नेता ने आरसीपी सिंह के साथ मिलकर साजिश रची थी जिसकी बात ललन सिंह भी कर रहे हैं। उस बीजेपी नेता की एंट्री भी बंद हो गयी। नीतीश की इस नाराजगी की जानकारी बीजेपी के राष्ट्रीय नेतृत्व को हुई तब आरसीपी सिंह का राज्यसभा का टिकट काट दिया गया। उसके बाद आरसीपी ने केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया। जिसके बाद आरसीपी सिंह हासिये पर चले गये।