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1st Bihar Published by: Updated Mon, 16 May 2022 12:34:46 PM IST
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PATNA : जनता दल यूनाइटेड के नेता और केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह के राज्यसभा जाने को लेकर अब पेंच फंसता दिख रहा है। दरअसल राज्यसभा की एक सीट पर जनता दल यूनाइटेड से किसी उम्मीदवार को चुना जाना है और उप चुनाव वाली एक सीट पर जेडीयू ने अब से थोड़ी देर पहले उम्मीदवार की घोषणा कर दी है। किंग महेंद्र के निधन के बाद खाली हुई इस सीट पर पार्टी ने पुराने वर्कर और पदाधिकारी अनिल हेगड़े को उम्मीदवार बनाया है। अनिल हेगड़े को राज्यसभा भेजे जाने के फैसले का सभी लोगों ने स्वागत किया है लेकिन इसके साथ ही यह तय हो गया है कि आरसीपी सिंह को अब एकमात्र बची सीट पर ही जेडीयू से राज्यसभा भेजा जा सकता है। सियासी जानकार इसे दूसरे नजरिए से भी देख रहे हैं जानकारों की मानें तो आरसीपी सिंह का राज्यसभा भेजे जाने का पेंच अब जेडीयू में फंस सकता है।
अनिल हेगड़े को राज्यसभा भेजे जाने की चर्चा पिछले दो-तीन दिनों से चल रही थी लेकिन बिना किसी बैठक के ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने उनके नाम की घोषणा कर दी अमूमन जनता दल यूनाइटेड में राज्यसभा जैसे मामलों में नीतीश कुमार बैठक के करते रहे हैं। कई बार तो पार्टी ने नीतीश कुमार को इसके लिए अधिकृत भी किया है लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ इसका मतलब यह है कि राज्यसभा की एक सीट पर आगे जेडीयू के उम्मीदवार का चयन होना है। उसका फैसला भी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह लेंगे। यानी आरसीपी सिंह के भविष्य का फैसला ललन सिंह को करना है। आरसीपी सिंह के केंद्र में मंत्री बनने के बाद ललन सिंह से उनके कैसे रिश्ते हैं। यह बात किसी से छिपी नहीं है।
आरसीपी सिंह के राजनीतिक भविष्य को लेकर फैसला ललन सिंह के हाथों में है। नीतीश कुमार अगर वाकई आरसीपी सिंह को राज्यसभा भेजे जाने के पक्ष में नहीं है तो वह बड़ी आसानी से गेंद ललन सिंह के पाले में डाल कर अपना पीछा छुड़ा सकते हैं। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को राज्यसभा में उम्मीदवारी पर फैसला लेना है लेकिन अगर फैसला वाकई नीतीश कुमार को लेना हुआ तो पार्टी उन्हें इस मामले में अधिकृत भी कर सकती है। आरसीपी सिंह राज्यसभा नहीं गए तो केंद्र में उनके लिए आने वाले वक्त में मंत्री बने रह पाना भी आसान नहीं होगा उन्हें 6 महीने के अंदर किसी न किसी सदन से सदस्य होना होगा। ऐसे में एक सवाल यह भी है कि क्या जेडीयू अगर आरसीपी सिंह को राज्यसभा नहीं भेजती है तो बीजेपी के सहारे आरसीपी सदन में पहुंच पाएंगे। जाहिर है 7 जुलाई तक आरसीपी सिंह राज्यसभा के सदस्य हैं, लेकिन राज्यसभा चुनाव के लिए पूरा शेड्यूल जारी हो चुका है ऐसे में इस पर सबकी नजरें टिकी हुई है।