Bihar Election 2025: बिहार में पहली बार 68.79% मतदान, दूसरे चरण ने तोड़ा सभी रिकॉर्ड Delhi Blast Case: दिल्ली ब्लास्ट के पीड़ितों के लिए मुआवजे का ऐलान, मृतकों-घायलों के परिजनों को इतने रुपए देगी रेखा सरकार Delhi Blast Case: दिल्ली ब्लास्ट के पीड़ितों के लिए मुआवजे का ऐलान, मृतकों-घायलों के परिजनों को इतने रुपए देगी रेखा सरकार Bihar Election 2025: एग्जिट पोल में NDA की बढ़त पर बोले सम्राट चौधरी, रफ़्तार पकड़ चुका है बिहार, फिर एक बार NDA सरकार! Bihar Politics: मतदान खत्म होते ही पूर्व केंद्रीय मंत्री शकील अहमद ने कांग्रेस से दिया इस्तीफा, खड़गे को भेजी चिट्ठी Patna News: पटना में जन सुराज पार्टी के कैंप में लगी भीषण आग, पांच बाइक जलकर खाक Patna News: पटना में जन सुराज पार्टी के कैंप में लगी भीषण आग, पांच बाइक जलकर खाक Bihar Exit Poll : जोड़ी मोदिये नीतीश जी के हिट होई...एग्जिट पोल में बन रही NDA की सरकार Lottery winner: एक करोड़ की लॉटरी का विजेता अब तक लापता, ढोल-नगाड़े बजाकर हो रही तलाश Lottery winner: एक करोड़ की लॉटरी का विजेता अब तक लापता, ढोल-नगाड़े बजाकर हो रही तलाश
1st Bihar Published by: Updated Sun, 22 May 2022 09:58:43 AM IST
- फ़ोटो
PATNA : बिहार के सियासी गलियारे से इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है हालांकि फर्स्ट बिहार में इस खबर को लेकर पहले ही जानकारी दे दी थी केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह को राज्यसभा भेजे जाने पर जनता दल यूनाइटेड ने अंतिम तौर पर फैसला कर लिया है. नीतीश कुमार को पार्टी ने राज्यसभा में उम्मीदवारी के लिए फैसले पर अधिकृत किया था और जेडीयू के विश्वस्त सूत्रों की माने तो आरसीपी सिंह का पत्ता साफ हो गया है. जनता दल यूनाइटेड आरसीपी सिंह को राज्यसभा भेजने नहीं जा रहा. उनकी जगह कई नामों की चर्चा है. लेकिन इसमें सबसे चौंकाने वाला नाम पूर्व विधायक और जेडीयू नेता इंजीनियर सुनील का है.
इंजीनियर सुनील नालंदा जिले से आते हैं वह हरनौत के विधायक के भी रह चुके हैं. और नीतीश कुमार के लव कुश वाले समीकरण में भी फिट बैठते हैं. उनके नाम की चर्चा बीती रात से तेज हुई है. हालांकि पूर्व आईएएस अधिकारी मनीष वर्मा के नाम की भी चर्चा होती रही है. लेकिन विश्वस्त सूत्रों की मानें तो इंजीनियर सुनील को राज्यसभा भेजा जा सकता है.
आपको बता दें कि आरसीपी सिंह का पत्ता राज्यसभा के लिए घटना उसी वक्त तय हो गया था. जब नीतीश कुमार ने 2 दिन पहले पार्टी के प्रमुख नेताओं की बैठक बुलाई थी और विधायकों से रायशुमारी की थी. जनता दल यूनाइटेड के इतिहास में कभी भी इस तरह है कि उम्मीदवारी को लेकर बैठक रही बुलाई गई थी. लेकिन नितीश कुमार ने अगर पार्टी के नेताओं से चर्चा की विधायकों से बातचीत की और सबने फैसले के लिए उन्हें अधिकृत किया तो इसका सीधा संदेश से ही था कि आसिफ सिंह का पता कट सकता है.