मुजफ्फरपुर में बेपटरी हुई मालगाड़ी, बाल-बाल बचा रेल कर्मी, ट्रेनों का परिचालन बाधित Bihar News: नहाने के दौरान डूबने से दो लड़कियों की मौत, दादा को खाना पहुंचाने गई थीं दोनों बच्चियां आरा में 22 जून को 'संत सम्मेलन' का आयोजन, जन जागरण सेवा कल्याण संस्थान का कार्यक्रम JDU विधायक के भांजे की हत्या का खुलासा, मुख्य आरोपी गिरफ्तार, प्रॉपर्टी के लिए छोटे भाई ने घटना को दिया था अंजाम Bihar News: काली कमाई से अकूत संपत्ति बनाने वाले अपराधियों की खैर नहीं, इस नए कानून को हथियार बनाएगी बिहार पुलिस Bihar News: काली कमाई से अकूत संपत्ति बनाने वाले अपराधियों की खैर नहीं, इस नए कानून को हथियार बनाएगी बिहार पुलिस IOCL में प्रबंधन की तानाशाही के खिलाफ आमरण अनशन, पूर्वी क्षेत्र के सभी लोकेशनों पर विरोध प्रदर्शन जारी Patna Metro: यहां बनेगा पटना मेट्रो का सबसे बड़ा अंडरग्राउंड स्टेशन, हर दिन 1.41 लाख यात्री करेंगे सफर Patna Metro: यहां बनेगा पटना मेट्रो का सबसे बड़ा अंडरग्राउंड स्टेशन, हर दिन 1.41 लाख यात्री करेंगे सफर Bihar News: गयाजी के सूर्यकुंड तालाब में सैकड़ों मछलियों की मौत, भीषण गर्मी या है कोई और वजह?
1st Bihar Published by: 11 Updated Tue, 16 Jul 2019 06:31:39 PM IST
- फ़ोटो
ROHTAS: जिले के संझौली प्रखंड का रहने वाला एक परिवार इच्छा मृत्यु चाहता है. इसके लिए परिवार की मुखिया की ओर से प्रधानमंत्री को पत्र लिखा गया है. जिसमें पूरे परिवार के साथ मृत्यु की मांग की गयी है. https://www.youtube.com/watch?v=nCN3Jba6uiY दरअसल संझौली प्रखंड के छुलकार गांव के रहने वाले देवमुनी सिंह के तीन बेटे है. और तीनों के तीन बेटे एक के बाद एक दिव्यांग होता चला गया. तीनों बच्चे जन्म से दिव्यांग नहीं थे. बल्कि एक के बाद एक दिव्यांग होते चले गए. बच्चों के इलाज के लिए देवमुनी सिंह ने अपनी जमीन तक बेच डाली. लेकिन उनका बच्चा ठीक नहा हो सके. अब तो हालात ऐसी हो गयी है कि उनके पास मिट्टी का एक मकान छोड़ कुछ भी नहीं है. बच्चों की हालत दिनों दिन खराब होती जा रही है. और पिता देवमुनी सिंह इतने बेबस हो गए है कि इन बच्चों का इलाज भी नहीं करा पा रहे है. उधर सिविल सर्जन डॉक्टर जनार्दन शर्मा को देवमुनी सिंह के बेटों की बीमारी के बारे में पता चला तो खुद वो गांव गए और उनका इलाज करने की कोशिश की. डॉक्टर साहब की कोशिश आज भी जारी है. लेकिन स्थिति में कोई सुधार आजतक नहीं हो पाया है. इस परिवार को सामाजिक सुरक्षा के नाम पर दो बच्चों को दिव्यांगता पेंशन मिल रहा है. लेकिन यह नाकाफी है. अब तो ऐसी हालात हो गयी है कि पूरा परिवार दाने दाने को मोहताज हो गया है.