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1st Bihar Published by: Dhiraj Kumar Singh Updated Sat, 16 Mar 2024 10:18:20 PM IST
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JAMUI: शिक्षा विभाग हर दिन अपने कारनामे को लेकर सुर्खियों में बनी रहती है। एक मामला थमता भी नहीं है कि दूसरा सुर्खिया बटोरने लगता है। अभी कुछ दिन पूर्व ही जिले के खैरा प्रखंड क्षेत्र के बरदौन उत्क्रमित मध्य विद्यालय में एक शिक्षिका के द्वारा विद्यालय के कमरे को आशियाना बना देने का मामला सामने आया था। इस मामले में शिक्षा विभाग अभी तक कार्रवाई भी नहीं कर सकी थी कि तभी इसी तरह का एक और दूसरा मामला सामने आया है।
इस बार बरहट प्रखंड के एक विद्यालय के प्रधान के द्वारा पिछले एक साल से अधिक समय से विद्यालय के कमरे को कब्जा कर आशियाना बना लिया गया है। जब इस पूरे मामले को लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी कपिल देव तिवारी से पूछा गया तब उन्होंने इस बारे में एक शब्द कहना भी मुनासिब नहीं समझा। उन्होंने कुछ भी बोलने से इनकार किया चुपचाप कार्यालय में बैठे रहे अपने कामों में मगन दिखे, कभी फोन तो कभी ऑफिस वर्क करते रहे।बार बार पूछने पर भी जवाब देना उचित नहीं समझा। जिला शिक्षा पदाधिकारी की इस तरह की चुप्पी कही न कही उनकी स्वीकृति भी समझा जा सकता है।
बता दें कि जिले के बरहट प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत नवीन प्राथमिक विद्यालय, मकतब केवाल के प्रधानाध्यापक मो. जमीरउद्दीन के द्वारा एक वर्षो से अधिक विद्यालय के ऊपरी मंजिल के एक कमरे पर कब्जा जमा रखा है। बताया जाता है की वह अपने परिवार के लोगों को भी विद्यालय में बुलाकर उनके साथ रहते हैं। शिक्षक का कहना है कि जब विद्यालय बन रहा था तब उसने इसके लिए जमीन दिलवाने में काफी मदद की थी अब इसी एवज में वह विद्यालय में रह रहा है।
शिक्षक का कहना है कि वह इसलिए विद्यालय में रहता है, ताकि बच्चों के चले जाने के बाद स्कूल की सुरक्षा रहे। उन्होंने बताया कि अलग बगल के लोगो के द्वारा स्कूल में ईट पत्थर भी फेक दिया जाता है।स्कूल में रहने से इस तरह की घटना नही गठित होती है बता दे कि जिले में स्कूल के कमरों को आशियाना बनाने का यह सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है।एक तरफ जहां खैरा प्रखंड में मामला सामने आने के बाद खुद जिलाधिकारी राकेश कुमार ने विद्यालय का निरीक्षण किया था और शिक्षिका शीला हेंब्रम पर कार्रवाई की बात कही थी।
तो वहीं दूसरी तरफ जिला शिक्षा पदाधिकारी ने इस मामले में चुप्पी साध ली है।डीएम के सख्त आदेश के बाद भी अभी तक इस मामले में कार्रवाई नहीं की गई है।यहां तक कि शिक्षिका से स्पष्टीकरण भी नहीं पूछा गया है। जिला शिक्षा विभाग के इस तरह के रवैया से यह साफ प्रतीत होता है की कही न कही जिला शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा उन्हें बचाने का प्रयास किया जा रहा है। या फिर जमुई डीएम के आदेश का उनके सामने कोई वैल्यू नहीं है वही स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि शिक्षक जमीरउद्दीन अपने पदस्थापन के बाद से लगातार इसी विद्यालय में लगातार रहते है।