MADHUBANI: मधुबनी में प्रेम विवाह बना जानलेवा, लड़की के परिवार ने लड़के के पिता की कर दी हत्या BIHAR: शादी समारोह में हर्ष फायरिंग, 13 साल का बच्चे और वेटर को लगी गोली SAHARSA: नाला निर्माण के विवाद को लेकर बाप-बेटे की पिटाई, इलाज के दौरान युवक की मौत BIHAR: हाजीपुर सदर अस्पताल से 2 साल का बच्चा गायब, CCTV खंगालने में जुटी पुलिस BIHAR: बसंतपुर गांव में शोक की लहर, ट्रेन हादसे में 22 वर्षीय गुड्डू सिंह की मौत Air Marshal AK Bharti: कौन हैं एयर मार्शल एके भारती, जिन्होंने पाकिस्तान को सुनाई रामचरित मानस की चौपाई? जानिए.. Bihar News: स्टेज शो के दौरान माही-मनीषा के साथ मारपीट, अस्पताल में कराना पड़ा एडमिट Bihar News: स्टेज शो के दौरान माही-मनीषा के साथ मारपीट, अस्पताल में कराना पड़ा एडमिट Life Style: अच्छे काम पर जाते वक्त क्यों खिलाया जाता है दही-चीनी? धार्मिक ही नहीं वैज्ञानिक वजह भी जान लीजिए.. Bihar News: निगरानी ने सार्वजनिक की बिहार के दागी अफसरों की जानकारी, सरकार को भेजी रिपोर्ट
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 07 Aug 2024 07:09:14 AM IST
- फ़ोटो
PATNA : बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए राज्य सरकार लगातार तत्पर है। राज्य के अंदर स्वास्थ विभाग के तरफ से मरीजों और डॉक्टरों की सुविधा बढ़ाने को लेकर तरह -तरह के प्लान तैयार किए जा रहे हैं। ऐसे में अब राज्यभर के अस्पतालों में तैनात आयुष चिकित्सक जल्द ही आयुर्वेदिक, होमियोपैथिक और यूनानी दवाइयां भी मरीजों को लिख सकेंगे।
दरअसल, अगले डेढ़ से दो महीने में राज्यभर के पीएचसी, यूपीएचसी, आयुष हेल्थस एंड वेलनेस सेंटर समेत सभी अस्पतालों में आयुर्वेदिक, यूनानी, होमियोपैथिक दवाइयों की खेप पहुंच जाएगी। इसको लेकर राज्य आयुष समिति द्वारा कुल 250 प्रकार की दवाइयों की सूची बनाई गई है। इनमें 50 पेटेंटेड दवाइयां भी शामिल हैं।
आयुष समिति के नोडल पदाधिकारी डॉ. धनंजय शर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय आयुष मिशन के मानक के अनुसार ही इन दवाइयों की सूची तैयार की गई है। ये सभी दवाइयां जरूरी औषधि सूची(एसेंशियल ड्रग लिस्ट) में शामिल हैं। इसमें चूर्ण, वटी, मलहम, आईड्रॉप, तेल, आसव, अवलेह आदि शामिल हैं। आयुर्वेद के अलावा यूनानी की 222 प्रकार और होम्योपैथिक की 200 प्रकार की दवाइयों की भी सूची आयुष समिति द्वारा तैयार की गई है।
अब इन दवाइयों की मंजूरी के लिए स्वास्थ्य विभाग को भेजा गया है। अगले एक सप्ताह में विभाग से मंजूरी मिलने की उम्मीद है। इसके बाद दवाइयों की आपूर्ति के लिए टेंडर आमंत्रित की जाएगी। उसके बाद चयनित एजेंसी द्वारा दवाइयों की आपूर्ति की जाएगी। पूरी प्रक्रिया में लगभग 40 से 45 दिन लग जाएंगे। दवाइयों में क्षेत्र विशेष में किसी विशेष बीमारी के लिए भी अलग से दवाइयां भेजी जाएंगी। जिस क्षेत्र में जिस बीमारी की दवा की मांग होगी, उस क्षेत्र में उसकी दवा मांग के अनुसार आपूर्ति की जाएगी।
उधर, राज्य आयुष समिति द्वारा सभी जिले में तैनात जिला देसी चिकित्सा पदाधिकारी को जरूरत के अनुसार दवाइयां खरीदने के अधिकार दिए गए हैं। इसके लिए उन्हें राशि भी भेजी गई है। डॉ. धनंजय शर्मा ने बताया कि अस्पतालों में जरूरत के अनुसार ये अधिकारी दवा की खरीद स्थानीय जरूरत के अनुसार कर सकते हैं।