ब्रेकिंग न्यूज़

Life Style: गर्मियों में इसके पत्तों का सेवन क्यों है जरूरी? जानिए.. इसके 5 चमत्कारी फायदे Samastipur Snake Catcher: नहीं रहे 'सांपों के मसीहा' जय सहनी, जिनकी जिंदगी बचाने को रहते थे हमेशा तत्पर, उन्हीं में से एक ने ले ली जान Parent-child relation: बच्चों को शर्मिंदा कर देती हैं पैरेंट्स की ये आदतें, जानिए क्यों बच्चे बनाने लगते हैं दूरियां Bihar Assembly Election 2025: जहानाबाद में बिछने लगी बिसात...NDA में किसके खाते में जाएगी सीट ? दर्जन भर हैं दावेदार..किनका टिकट होगा फाइनल,जानें... IPL2025: "हमें विनम्र बने रहने की जरुरत", अंकतालिका में टॉप पर जाने के बाद हार्दिक और सूर्या का बड़ा बयान, फैंस बोले "ये दोनों MI के पिलर हैं" Made in India: डोनाल्ड ट्रम्प के टैरिफ वॉर के बाद अमेरिका में 'मेड इन इंडिया' की गूंज! Gold theft jewellery shop: थानेदार बनकर आया, लाखों के गहने ले उड़ा, CCTV फुटेज देख दंग रह गया दुकानदार! Bihar Politics: "नीतीश को साइडलाइन करने की हिम्मत किसी में नहीं": मनोज तिवारी.. चिराग के भविष्य और पवन सिंह के BJP में आने पर भी बोले Road Accident Death : कुछ महीने पहले हुई थी शादी, अब सड़क हादसे में सुप्रीम कोर्ट के वकील की मौत,पत्नी घायल Caste Census: बिहार चुनाव और पहलगाम हमले से है जातीय जनगणना का कनेक्शन? विपक्ष के तीखे सवालों के बाद जनता सोचने पर मजबूर

सैयद सुल्तान अहमद को सातवीं बार मिला राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, बेस्ट एजुकेशनल फिल्म के लिए मिला अवार्ड

1st Bihar Published by: Updated Mon, 25 Oct 2021 08:53:10 PM IST

सैयद सुल्तान अहमद को सातवीं बार मिला राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, बेस्ट एजुकेशनल फिल्म के लिए मिला अवार्ड

- फ़ोटो

PATNA: जाने माने फिल्म निर्माता और एलएक्सएल आइडियाज के एमडी व चीफ लर्नर सैयद सुल्तान अहमद की लघु फिल्म ‘एप्पल्स एंड आरेंजेज‘ को बेस्ट एजुकेशनल फिल्म का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला है। सोमवार को विज्ञान भवन में आयोजित 67वीं राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति एम. वैंकेया नायडू ने फिल्म के निर्माता सैयद सुल्तान अहमद और निर्देशक रूखसाना तबस्सुम को यह पुरस्कार दिया।


सुल्तान ने 2010 से विशेष रूप से बच्चों और शिक्षा के लिए फिल्मों का निर्माण शुरू किया और स्कूल सिनेमा नामक एक परियोजना के लिए 120 से अधिक लघु फिल्मों का निर्माण किया। एनईपी 2020 द्वारा अनुशंसित जीवन कौशल और सामाजिक भावनात्मक बुद्धिमत्ता सिखाने के लिए इन फिल्मों का उपयोग स्कूली पाठ्यक्रम के हिस्से के रूप में किया जाता है। 


भारत और मध्य पूर्व में 2 मिलियन से अधिक बच्चों ने इन फिल्मों को अपने स्कूली पाठ्यक्रम के हिस्से के रूप में देखा है। भारत में सात राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीतने के अलावा, एलएक्सएल आइडियाज द्वारा निर्मित फिल्मों का 450 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय बाल फिल्म समारोहों में प्रदर्शन किया गया है। इन फिल्मों ने कई पुरस्कार जीते हैं।


फिल्म पुरस्कार मिलने पर पूरे सभागार में तालियां गुंज उठी। गौरतलब है कि सैयद सुल्तान अहमद द्वारा निर्मित की यह सातवीं फिल्म है जिसे राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से नवाजा गया है। इसके पहले उन्हें रेड बिल्डिंग व्हेयर द सन सेट्स (2011), द फिनिश लाइन (2011), चेसिंग द रेनबो (2013), बेस्ट फ्रेंड्स फॉरएवर (2015), लिटिल मैजिशियन (2016) और द वाटर फॉल (2016) को क्रमशः बेस्ट फिल्म ऑन फैमिली वैल्यूज, बेस्ट फिल्म ऑन स्पोर्ट्स, बेस्ट प्रमोशनल फिल्म, बेस्ट फिल्म ऑन फैमिली वैल्यूज और बेस्ट एजुकेशनल फिल्म वर्ग में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिल चुका है।


फिल्म के माध्यम से इंसानियत की सीख दी गई है

‘एप्पल्स एंड आरेंजेज‘ फिल्म के माध्यम से मानवता की सीख दी गई है। इसमें बताया गया है कि दोस्ती इंसान और इंसान के बीच होती है। इसमें जाति, धर्म, क्षेत्र या रंग नहीं होता। 15 मिनट की इस फिल्म में दो गांव एप्पल्स और आरेंजेज की एक घटना का फिल्मांकन किया गया है। फिल्म में दिखाया गया है कि इन दोनों गांवों के बीच दुश्मनी रहती है। लेकिन इन दोनों गांव की दो छोटी बच्चियां अंजाने में दोस्ती कर लेती हैं। जब उन्हें दुश्मनी के बारे में पता चलता है तो वो अपनी दोस्ती तोड़ लेती हैं।

               

फिल्म और शिक्षा से जुडे़ हैं सुल्तान अहमद

सैयद सुल्तान अहमद पिछले कई वर्षों से फिल्म, शोध, प्रकाशन और शिक्षा से जुड़े हैं। इन्होंने एलएक्सएल आइडियाज नाम की संस्थान की स्थापना की है। यह संगठन फिल्म, इवेंट्स, शोध, ट्रेनिंग और प्रकाशन के माध्यम जीवन की सीख देने का कार्य करती है। सुल्तान अहमद को कई बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनके कार्य के लिए वाहवाही मिल चुकी है। इन्होंने बैंगलोर विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। वहीं एमआईटी-बोस्टन से उद्यमिता में स्नातकोत्तर किया है। बच्चों का मनो विकास और फिल्म शिक्षा शास्त्र पर इनके कई शोध पत्र विभिन्न अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। सुल्तान अहमद बेंगलुरु के रहनेवाले हैं। सऊदी अरब के प्रथम बाल फिल्म महोत्सव के क्यूरेटर हैं।