Asia University Rankings: भारत के ये संस्थान एशिया के टॉप-100 विश्वविद्यालयों में शामिल, शीर्ष पर यह यूनिवर्सिटी काबिज Bihar Election 2025: वोटिंग के दिन इन चीजों पर रहेगी छूट, आप भी ले सकते हैं लाभ; जानिए क्या है तरीका बिहार चुनाव 2025: अब मोबाइल से मिनटों में डाउनलोड करें अपना वोटर आईडी कार्ड, जानिए DigiLocker से पूरा प्रोसेस Bihar Election 2025: पहले चरण में 121 विधानसभा सीटों पर मतदान कल, इतने बूथों पर होगी वोटिंग; चुनाव आयोग ने किए पुख्ता इंतजाम Bihar Election 2025: बिहार चुनाव बना वैश्विक लोकतंत्र की सीख का केंद्र, इतने देशों के अधिकारी पहुंचे पटना; EVM सेंटर से पोलिंग बूथ तक लेंगे जानकारी Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का पहला चरण: 18 जिलों की 121 सीटों पर कल पड़ेगा वोट, 3.75 करोड़ मतदाता करेंगे इतने उम्मीदवारों का फैसला Kartik Purnima 2025: आज है कार्तिक पूर्णिमा, जानिए स्नान-दान और देव दिपावली का महत्व गया जी में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा का रोड शो, डॉ. प्रेम कुमार के समर्थन में मांगा वोट Bihar Election 2025: 6 नवंबर को महिलाओं के बैंक खातों में 10-10 हजार भेजने पर कांग्रेस ने जताई आपत्ति, चुनाव आयोग से की शिकायत Bihar Election 2025: 6 नवंबर को महिलाओं के बैंक खातों में 10-10 हजार भेजने पर कांग्रेस ने जताई आपत्ति, चुनाव आयोग से की शिकायत
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 22 Jul 2024 09:52:57 AM IST
- फ़ोटो
DESK : सावन में कांवड़ यात्रा के दौरान हरिद्वार से दिल्ली के बीच पड़ने वाले यात्रा मार्ग पर उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश सरकार के खाद्य सामग्री बेचने वालों को अपनी पहचान घोषित करने के आदेश जारी किया है। इसके बाद अब इस आदेश को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। जिसके बाद अब आज इस यचिका पर सुनवाई होनी है। इस मुद्दे पर अब तक टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा, प्रोफेसर अपूर्वानंद और आकार पटेल के साथ-साथ एक एनजीओ ने भी अर्जी दाखिल की है।
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में यह बातें बताई गई है कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकारों द्वारा जारी निर्देश संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 17 के तहत नागरिकों को दिए बुनियादी अधिकारों को प्रभावित करते हैं। इसके साथ ही यह मुस्लिम पुरुषों के अधिकारों को भी प्रभावित करता है जो अनुच्छेद 19(1)(जी) का उल्लंघन है। इस याचिका में यह कहा गया है कि राज्य सरकार के इस आदेश का असर मुस्लिम समाज के रोजी रोटी पर भी पड़ेगा। "यह आदेश 'अस्पृश्यता' की प्रथा का समर्थन करता है जो भारत के संविधान के अनुच्छेद 17 के तहत स्पष्ट रूप से "किसी भी रूप में" वर्जित है।
वहीं, इस फैसले को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से कहा गया है कि कांवड़ यात्रियों की आस्था की शुचिता बनाए रखने के लिए ये कदम उठाया गया है। यूपी के बाद 20 जुलाई को उज्जैन के मेयर ने भी दुकान के मालिकों को अपने नाम और फोन नंबर वाली नेमप्लेट लगाने के लिए कह दिया। इसके बाद अब जस्टिस हृषिकेश रॉय और जस्टिस SVN भट्टी की बेंच इस मामले पर सुनवाई करेगी।