ब्रेकिंग न्यूज़

Khan Sir: स्वतंत्रता दिवस समारोह के बीच पटना के इस थाने में क्यों पहुंच गए खान सर? होने लगी यह चर्चा Khan Sir: स्वतंत्रता दिवस समारोह के बीच पटना के इस थाने में क्यों पहुंच गए खान सर? होने लगी यह चर्चा Bihar Crime News: बिहार में लापता कोचिंग टीचर का शव मिलने से सनसनी, परिजनों ने जताई हत्या की आशंका Bihar Crime News: बिहार में लापता कोचिंग टीचर का शव मिलने से सनसनी, परिजनों ने जताई हत्या की आशंका Patna Crime News: पटना में PMCH के ट्रॉली ठेकेदार की चाकू मारकर हत्या, पुरानी रंजिश में वारदात को अंजाम देने की आशंका Patna Crime News: पटना में PMCH के ट्रॉली ठेकेदार की चाकू मारकर हत्या, पुरानी रंजिश में वारदात को अंजाम देने की आशंका Bihar News: बिहार में सरकारी चावल की कालाबाजारी, गोदाम से 350 मीट्रिक टन चावल गायब; बोरियों में निकलीं ईंटें Bihar Politics: ‘अफीम की खेती करते हैं, उनको सांसद नहीं मानता’ गोपाल मंडल का JDU सांसद अजय मंडल पर नया आरोप Bihar Politics: ‘अफीम की खेती करते हैं, उनको सांसद नहीं मानता’ गोपाल मंडल का JDU सांसद अजय मंडल पर नया आरोप India Missile Test: ब्रह्मोस से भी खतरनाक मिसाइल टेस्ट करने जा रहा भारत, दुनिया भर के लिए चेतावनी जारी..

एससी-एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला, गाली देने भर से प्रभावी नहीं होगा एक्ट

1st Bihar Published by: Updated Sat, 07 Nov 2020 07:27:26 AM IST

एससी-एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला, गाली देने भर से प्रभावी नहीं होगा एक्ट

- फ़ोटो

DELHI : एससी एसटी एक्ट को लेकर एक बार फिर से सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने एससी एसटी एक्ट से संबंधित उत्तराखंड के एक मामले में सुनवाई करते हुए कहा है कि अनुसूचित जाति या जनजाति के किसी भी व्यक्ति को लेकर घर के भीतर कहीं कोई आपत्तिजनक बात कही गई हो और उसका कोई गवाह ना हो तो वह अपराध नहीं हो सकता. जस्टिस एल नागेश्वर राव हेमंत गुप्ता और अजय रस्तोगी की पीठ ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की है.

कोर्ट ने कहा है कि उच्च जाति के व्यक्ति ने किसी sc-st समुदाय के व्यक्ति को गाली दी हो तो भी उस पर एससी एसटी एक्ट के तहत कार्रवाई नहीं की जा सकती है. अगर गाली जानबूझकर पीड़ित को उसके समुदाय के आधार पर अपमानित करने के लिए दी गई हो तो केस जरूर दर्ज किया जा सकता है. मगर इसके लिए भी गवाह का होना जरूरी होगा. कोर्ट ने कहा है कि समय पर केवल इसलिए केस नहीं किया जा सकता कि एससी एसटी ने आरोप लगाए हैं इसके लिए एक गवाह का होना बेहद जरूरी है.

कोर्ट ने स्पष्ट करते हुए कहा है कि एससी एसटी एक्ट के तहत इस कृत्य को अपराध माना जाता है. जिसे सार्वजनिक तौर पर अंजाम दिया गया हो ना कि घर की चहारदीवारी या प्राइवेट प्लेस में सार्वजनिक स्थान में का मतलब जहां अन्य लोगों की मौजूदगी हो. अगर कोई अपराध सार्वजनिक जगहों पर हुआ है तो उसे अन्य लोग देख और सुन सकते हैं और इसी के तहत मामले में केस दर्ज किया जा सकता है. एससी एसटी एक्ट के तहत अब तक केस दर्ज नहीं किया जा सकता जब तक घटना का कोई गवाह ना हो.