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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 02 Feb 2024 02:43:27 PM IST
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बिहार में सीएम नीतीश कुमार के आदेश पर शराबबंदी कानून लागू है। राज्य के अंदर कहीं भी शराब पीना या इससे जुड़ा कोई भी कारोबार करना गैरकानूनी बताया जा रहा है। इन सबके बीच पूर्ण शराबबंदी कानून को लेकर पटना हाई कोर्ट का एक महत्वपूर्ण फैसला सामने आया है। हाई कोर्ट ने शराब जब्ती के एक मामले में एक आरोपी को एक लाख का मुआवजा देने का आदेश दिया है। साथ ही यह तय कर दिया गया है हर कार्रवाई में शराब के साथ गाड़ी को जब्त नहीं किया जा सकेगा। एक मामले में हाई कोर्ट में दायर रिट में यह फैसला आया है।
दरअसल, वर्तमान शराबबंदी कानून के मुताबिक अगर बाइक सवार किसी व्यक्ति के पास से शराब बरामद की जाती है तो बाइक को जप्त कर लिया जाता है। हाई कोर्ट ने कहा है कि हर परिस्थिति में यह सही नहीं है। अगर किसी बाइक पर पीछे बैठा व्यक्ति अपने पास शराब छुपा कर ले जाता है और वह गाड़ी का मालिक नहीं है तो ऐसी स्थिति में मोटरसाइकिल को जप्त या राज्यसात नहीं किया जा सकता।
इस आदेश में कहा गया है गाड़ी को ड्राइव करने वाला व्यक्ति भी उसका ओनर नहीं होना चाहिए। मतलब यह है कि अगर कोई किसी अन्य व्यक्ति की बाइक लेकर बैग या झोले में शराब के साथ पकड़ा जाता है तो उस गाड़ी का जब्त कर लेना सही नहीं होगा। न्यायमूर्ति पी बजंथ्री और न्यायमूर्ति जितेंद्र कुमार की खंडपीठ ने यह फैसला सुनाया। इस मामले में मोटरसाइकिल की मालकिन सुनैना की ओर से हाई कोर्ट में रिट याचिका दायर की गई थी। उस मामले पर सुनवाई करते हुए अदालत ने गोपालगंज के डीएम और समाहर्ता को मोटरसाइकिल के ओनर को मुआवजा के तौर पर 1 लाख भुगतान करने का आदेश दिया है। इसके लिए 10 दिनों का समय दिया गया है।