1st Bihar Published by: Tahsin Ali Updated Tue, 11 Jan 2022 02:48:40 PM IST
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PURNIA : पूर्णिया के शिक्षा विभाग में इतनी बड़ी गड़बड़ी कि नियोजित हुए अभियर्थियों को 6 माह बाद रद्द किया गया है। वो भी तब जब ये अभियार्थी अपने योगदान के लिए तैयार बैठे थे। आरोप प्रत्यारोप के बीच नियोजित अभियर्थियों ने जिला शिक्षा पदाधिकारी का घेराव कर पुरजोर हंगामा किया था और अब सार्थक वार्ता संपन्न हुई।
दरसल 2021 के जुलाई और अगस्त में नियोजित शिक्षक अभियर्थियों की काउन्सलिंग हुई थी। जिसके बाद पूर्णिया ज़िले से हज़ारों शिक्षकों का नियोजन हुआ था। तब से लेकर सभी अभियार्थी अब योगदान देने के इंतज़ार में बैठे ही थे कि इनमें से करीब 300 नियोजित अभियर्थियों के नियोजन रद्द करने की अनुशंसा का पत्र जारी हो गया। इस पत्र के मिलते ही इन अभियर्थियों में खलबली मच गई और कूच कर गए शिक्षा विभाग के कार्यालय। पहले जमकर हंगामा बरप पड़ा। आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया और शिक्षा विभाग पर संगीन आरोप लगने शुरू हो गए। हंगामे को शांत कराया गया और नियोजित शिक्षकों के प्रतिनिधियों के साथ सदर अनुमंडल पदाधिकारी और सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के समक्ष ज़िला शिक्षा पदाधिकारी से वार्ता तय हुई। नियोजित शिक्षकों की तरफ से गोप गुट के अध्यक्ष अरविंद सिंह और 3 नियोजित शिक्षक वार्ता में शामिल हुए।
वार्ता संपन्न होने के बाद अरविंद सिंह ने बताया कि जिला शिक्षा पदाधिकारी की तरफ से सार्थक वार्ता हुई है। जो आदेश जारी हुआ है उसे वापिस लेने में परेशानी आएगी इसलिए एक नया मेमोरेंडम सौंपा जाए, जिसे विभाग को लिखित देकर नियोजन को पुनः लागू करवाया जाएगा। वार्ता से सहमत नज़र आए अरविंद सिंह ने इस पूरे मामले में विभाग की गलती बताई है।