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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 12 Jun 2024 05:11:42 PM IST
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PATNA : लोकसभा चुनाव में हार का सामना करने का बाद आखिरकार लालू प्रसाद की बेटी रोहिणी आचार्य सिंगापुर वापस लौट गईं हैं। चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद रोहिणी ने कहा था कि वह अब वह सारण में ही रहेंगी और जनता के बीच रहकर उनके सुख-दुख की भागीदार बनेंगी। लेकिन वह वापस सिंगापुर लौट गईं हैं। हालांकि सिंगापुर रवाना होने से पहले रोहिणी ने यह जरूर कहा कि वह जा रहीं हैं लेकिन जल्द ही वापस लौटकर आएंगी।
दरअसल, पिता लालू प्रसाद को अपनी किडनी देकर उन्हें नया जीवन देने वाली रोहिणी आचार्य को आरजेडी ने सारण लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया था। सिंगापुर छोड़कर रोहिणी बिहार पहुंचीं और पूरे लोकसभा चुनाव के दौरान धुआंधार प्रचार किया। खुद लालू प्रसाद बेटी को जीत दिलाने के लिए सारण में कैंप कर रहे थे और तमाम तरह की सियासी रणनीति पर उन्होंने काम किया।
वोटिंग के दिन रोहिणी लालू प्रसाद के करीबी भोला यादव के साथ एक बूथ पर जा पहुंची, जहां लोगों ने उन पर बूथ कैप्चर करने का आरोप लगाया था। भारी हंगामा के बीच किसी तरह से पुलिस ने रोहिणी और भोला यादव को लोगों के बीच से निकाला। वोटिंग खत्म होने के दूसरे ही दिन इस विवाद को लेकर दो पक्षों के बीच जमकर गोलियां चलीं थीं।
इस घटना में आरजेडी के एक कार्यकर्ता की मौत हो गई थी जबकि दो अन्य लोग गंभीर रुप से घायल हो गए। इस घटना के बाद छपरा में भारी उपद्रह भी हुआ और पुलिस को हालात काबू करने में पसीने छूट गए। पूरे जिले में चार दिनों तक इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी। रोहिणी ने इस घटना के पीछे बीजेपी का हाथ बताया था और कार्रवाई की मांग की थी।
4 जून को जब चुनाव नतीजे आए तो लालू प्रसाद की फिल्डिंग काम नहीं आई और रोहिणी आचार्य को सारण से हार का सामना करना पड़ा। बीजेपी उम्मीदवार राजीव प्रताप रूडी चुनाव जीत गए। चुनाव हारने के बाद रोहिणी ने कहा था कि वह सारण में ही रहेंगी और जनता के सुख-दुख की साथी बनेंगी। लेकिन आखिरकार बुधवार को वह वापस सिंगापुर लौट गईं।
सिंगापुर रवाना होने से पहले पटना एयरपोर्ट पर रोहिणी ने कहा कि 15 दिनों के बाद वह फिर सिंगापुर से पटना लौट आएंगी। उन्होंने कहा कि अपने बच्चों से मिलने के लिए सिंगापुर जा रही हूं और लौटने के बाद फिर से सारण की जनता के बीच रहूंगी। उनके लिए काम करूंगी। हालांकि देखने वाली बात यह होगी कि क्या रोहिणी सारण की जनता से किये अपने वादे पर कबतक कायम रह पाती हैं।