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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 24 Aug 2024 07:13:46 AM IST
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PATNA : सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक कांड की जांच कर रही EOU की टीम ने कोर्ट में चार्जशीट समर्पित कर दिया है। आरोप पत्र के मुताबिक कांड का किंगपिन संजीव मुखिया ने ही वर्ष 2023 में एक अक्टूबर को दो पालियों में आयोजित सिपाही भर्ती परीक्षा का पेपरलीक कर इसे वायरल किया था। संजीव मुखिया के पास प्रश्नपत्र परीक्षा से चार दिन पहले ही पहुंच गया था।
दरअसल, मामले की जांच कर रही आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने शुक्रवार को पटना सिविल कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया और इस पत्र में यह खुलासा किया है। इसमें कहा गया है कि संजीव मुखिया गिरोह के सदस्यों ने जेनिथ लॉजिस्टिक एंड एक्सप्रेस प्राइवेट लिमिटेड के मुंशी रमेश कुमार एवं राहुल पासवान को नौकरी एवं पैसों का प्रलोभन देकर प्रश्न पत्र लेकर मोतिहारी जा रही गाड़ी को पटना में रोककर प्रश्न पत्र भरे बक्सों एवं लिफाफे को खोलकर परीक्षा से चार दिन पहले ही प्रश्न पत्र प्राप्त कर लिया था। फिर प्रश्नपत्र हल करवा कर उम्मीदवारों को अंसार शीट उपलब्ध करायी।
उसके बाद यह अंसार शीट परीक्षा के दिन विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर वायरल हो गई। इस परीक्षा का आयोजन केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) ने किया था। ईओयू ने आरोप पत्र में कहा है कि प्रश्न पत्र की प्रिटिंग एवं पैकिंग का काम जिस कंपनी को दिया था, उसका पंजीकृत कार्यालय मात्र एक कमरे में था। इस कंपनी ने प्रश्न पत्रों की छपाई किसी अन्य कंपनी से करायी थी।
प्रश्न पत्र प्रिंटिंग करने वाली एजेंसी और उनको कच्चा माल देने वाली कंपनियों की रेकी करने के लिए संजीव मुखिया कोलकाता में 10 दिन पूर्व से ही रुका हुआ था। यहां से उसने प्रिंटिंग प्रेस को प्रश्न पत्र का पैकिंग मटेरियल, लॉक इत्यादि आपूर्ति करने वाली कंपनी, प्रश्न पत्र परिवहन करने वाली कंपनी आदि का ब्यौरा हासिल किया गया।
ईओयू के अनुसार प्रश्न पत्रों को ट्रांसपोर्ट करने वाली गाड़ियां मोतिहारी जिला कोषागारों में जाने के क्रम में कई जगहों पर रुकते हुए पहुंची थी। पटना स्थित वेयरहाउस से जिन लॉजिस्टिक कंपनियों के वाहनों में प्रश्न पत्र मोतिहारी भेजा गया था, उन दोनों कंपनियों के मुंशी स्वयं भी अभ्यर्थी थे। मोतिहारी ले जाने वाली गाड़ी पटना स्थित वेयरहाउस में लोड होने के बाद लगभग 6 घंटे से ज्यादा समय तक रुकी थी, जहां संजीव मुखिया गिरोह के सदस्यों द्वारा प्रश्नपत्र हासिल किया गया।
उधर, नीट पेपर लीक मामले में भी संजीव मुखिया की संलिप्तता पायी गई है। इस मामले में भी सीबीआई को उसकी तलाश है। पटना पुलिस और ईओयू की छानबीन में उसे किंगपिन पाया गया। जानकारी के अनुसार वह शिक्षक बहाली पेपर लीक कांड में जेल भी जा चुका है। अभी फरार चल रहे संजीव को नूरसराय स्थित उद्यान महाविद्यालय के तकनीकी सहायक पद से निलंबित कर दिया गया है।