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1st Bihar Published by: Updated Thu, 19 Sep 2019 06:21:00 PM IST
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PATNA. शायद ही कोई ऐसा राजनेता होगा जो सोशल मीडिया पर एक्टिव नहीं होगा. यह अलग बात है कि सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने के बावजूद ज्यादातर नेता खुद को राजनीति तक ही सीमित रख पाते हैं. सोशल मीडिया का इस्तेमाल जनता का दुख दर्द जानने और उनकी मदद करने के लिए किया जा सकता है, इसकी सबसे बड़ी मिसाल बीजेपी कि दिवंगत नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज ने पेश की थी. यह सुषमा दीदी ही थीं जो हर वक्त सोशल मीडिया के जरिए मदद मांगने वालों के लिए तुरंत एक्टिव हुईं.
बिहार के ज्यादातर मंत्री भी सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं. खुद सुषमा स्वराज की पार्टी के नेता और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ट्विटर पर सक्रिय रहते हैं. दिन में तीन से चार ट्वीट विभागीय कामकाज से लेकर राजनीतिक बयानबाजी पर कर देते हैं लेकिन अगर कोई उनके ट्विटर हैंडल पर मदद की गुहार लगा है तो इस तरफ उनका ध्यान तक नहीं जाता. ताज़ा मामला स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे के उस ट्वीट से जुड़ा है जिसमें उन्होंने बीजेपी के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल का स्वागत करते हुए शेयर किया. मंगल पांडे के ट्वीट पर पीएमसीएच में भर्ती एक मरीज के परिजनों ने कमेंट करते हुए मदद की गुहार लगाई लेकिन मंत्री जी के टि्वटर हैंडल से इस पर कोई रिस्पांस नहीं दिया गया.
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे से मदद मांगने वाला बीजेपी कार्यकर्ता था. हाजीपुर के रहने वाले नीरज कुमार तिवारी ने कमेंट किया कि ‘’पहली बार इस पीएमसीएच हॉस्पिटल में आए थे लेकिन अब कभी नहीं आना. सरकारी से लेकर प्राइवेट तक अपनी औकात बताते है. हमने एक सफाई कर्मी को साफ करने के लिए बोले तो वह बोली की तुम लोग लावारिस हो, क्या इतना ही पैसा था तो यहां क्यों आया.’’ नीरज ने आखिर में लिखा है कि ‘’पापा बहुत सीरियस हैं।‘’ फिर भी कोई जवाब नहीं मिला. आशीष झा नाम के एक यूजर ने कमेंट किया कि ‘’मोहम्मद अब्बास नाम के एक पेशेंट का ब्रेन हेमरेज हो गया. फिलहाल पीएमसीएच के जनरल वार्ड में भर्ती हैं लेकिन अभी अर्जेंट आईसीयू की आवश्यकता है. पीएमसीएच में कोई सुनने वाला नहीं है. स्वास्थ्य मंत्री के ट्विटर हैंडल पर जनता अपना दुखड़ा रो रही है समस्याओं की भरमार है लेकिन मंत्री जी तो केवल ट्वीट करना जानते हैं. काश हर कोई सुषमा स्वराज हो पाता, कुछ नहीं तो उनसे थोड़ा बहुत सीख पाता.