सूखाग्रस्त क्षेत्रों का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लिया जायजा, नालंदा-शेखपुरा-जमुई और लखीसराय के किसानों से भी मिले

सूखाग्रस्त क्षेत्रों का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लिया जायजा, नालंदा-शेखपुरा-जमुई और लखीसराय के किसानों से भी मिले

PATNA: आज दूसरे दिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सूखाग्रस्त क्षेत्रों का जायजा लिया। इस दौरान सीएम नीतीश कुमार नालंदा-शेखपुरा-जमुई और लखीसराय के किसानों से भी मिले और पूरी स्थितियों की जानकारी ली। सड़क मार्ग से मुख्यमंत्री दनियावां होते हुए नालंदा जिले के नगरनौसा, चंडी, माधोपुर बिन्द प्रखंड पहुंचे जहां धान की रोपनी के आच्छादन का जायजा लिया। वही शेखपुरा और जमुई के सिकंदरा, अलीनगर के क्षेत्र में धान रोपनी का जायजा लेने के दौरान किसानों से मिले। किसान मो. शमीम ने बताया कि यदि सकरी और रोटी नदी को जोड़ दिया जाएगा तब शेखपुरा, नवादा और लखीसराय में सिंचाई की समस्या ही खत्म हो जाएगी। किसान के इस सलाह के बाद सीएम नीतीश ने अधिकारियों को इस दिशा में काम करने के निर्देश दिये।   


इस दौरान अलीनगर के किसान मो० शमीम से मुख्यमंत्री ने धान रोपनी की स्थिति की जानकारी ली। किसान मो० शमीम ने मुख्यमंत्री को बताया कि यहां बारिश कम हुई है. यहां का भू-जलस्तर नीचे है जिससे सिंचाई कार्य में दिक्कत हो रही है। सकरी और रोटी नदी को अगर आपस में जोड़ दिया जाय तो शेखपुरा, नवादा एवं लखीसराय जिले में किसानों के सिंचाई का स्थायी समाधान हो जायेगा।


मुख्यमंत्री ने आपदा प्रदान सद-जल संसाधान विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल को निर्देश दिया कि इसका अध्ययन करा लें। मुख्यमंत्री ने जमुई जिले के हलसी और लखीसराय जिले के घोंघसा में भी अल्प वर्षापात के कारण धान की रोपनी की स्थिति का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने घोंसा में किसानों से बात कर स्थिति की जानकारी ली।


मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसानों के लिये सिचाई कार्य का प्रबंध करायें ताकि उन्हें किसी प्रकार की दिक्कत न हो और उनकी फसल अच्छी हो। उन्होंने कहा कि अल्प वर्षापात के कारण उत्पन्न स्थिति पर पूरी नजर रखें और किसानों को सहायता देने के लिए पूरी तैयारी रखें संभावित सूखे की स्थिति में किसानों को हरसंभव मदद देने की योजना बनाएं। 


उन्होंने कहा कि डीजल अनुदान योजना के तहत किसानों को डीज अनुदान का लाभ तेजी से दिलाएं ताकि उन्हें राहत मिल सके। किसानों को 16 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति करें। बिजली की उपलब्धता रहने से किसानों के लिये सिंचाई कार्य में सहूलियत होगी और जितने क्षेत्रों में धान की रोपनी हुई है उसका बचाव हो सकेगा। 


वैकल्पिक फसल योजना के तहत इच्छुक किसानों को जल्द-से-जल्द बीज उपलब्ध कराएं ताकि किसानों को कृषि कार्य में राहत मिल सके। सड़क मार्ग से जायजा लेने के दौरान मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, कृषि विभाग के सचिव एन० सरवन कुमार, आपदा-सह-जल संसाधन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, संबंधित जिलों के जिलाधिकारी वरीय पुलिस अधीक्षक एवं अन्य वरीय पदाधिकारी मौजूद थे।