बाढ़ पीड़ितों के लिए भोजपुर के बड़हरा में भोजन वितरण और सामुदायिक किचन का पांचवां दिन Bihar News: बिहार के इन 46 प्रखंडों में खुलेंगे नए प्रदूषण जांच केंद्र, बिहार सरकार दे रही इतनी सब्सिडी Bihar News: बिहार के इन 46 प्रखंडों में खुलेंगे नए प्रदूषण जांच केंद्र, बिहार सरकार दे रही इतनी सब्सिडी Bihar Police News: बिहार के इस जिले के 24 थानों में नये थानाध्यक्षों की तैनाती, SSP के आदेश पर बड़ा फेरबदल Bihar Police News: बिहार के इस जिले के 24 थानों में नये थानाध्यक्षों की तैनाती, SSP के आदेश पर बड़ा फेरबदल Vaishali-Encounter: मारा गया कुख्यात अपराधी, पुलिस के साथ मुठभेड़ में हुआ ढेर--एसटीएफ का एक जवान घायल Bihar Crime News: बिहार में भूमि विवाद सुलझाने पहुंची पुलिस टीम पर हमला, डायल 112 के जवानों ने भागकर बचाई जान; 18 लोगों पर केस दर्ज बिहार में जीविका योजना से बदली महिलाओं की जिंदगी, 57 हजार करोड़ का मिला ऋण Bihar Politics: ‘नीतीश कुमार का विकास शहरों तक ही सीमित’ चचरी पुल के उद्घाटन के मौके पर बोले मुकेश सहनी Bihar Politics: ‘नीतीश कुमार का विकास शहरों तक ही सीमित’ चचरी पुल के उद्घाटन के मौके पर बोले मुकेश सहनी
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 15 Aug 2023 03:33:05 PM IST
- फ़ोटो
PATNA: दुखद खबर दिल्ली से निकल कर सामने आ रही है, जहां सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक का निधन हो गया है। सुलभ इंटरनेशनल के दिल्ली स्थित केंद्रीय कार्यालय में मंगलवार को झंडोत्तोलन के बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई थी।
बिंदेश्वर पाठक की पहचान एक बड़े समाज सुधारक के तौर पर है। साल 1970 में उन्होंने सुलभ इंटरनेशनल की स्थापना की थी। स्वच्छता के क्षेत्र में उनके काम की वजह से उनकी खास पहचान थी। इसके लिए उन्हें कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित भी किया गया था।
77वें स्वतंत्रता दिवस पर दिल्ली स्थित सुलभ इंटरनेशनल के केंद्रीय कार्यालय में कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जहां झंडोत्तोलन के बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई थी। आनन फानन में उन्हें दिल्ली एम्स में इलाज के लिए भर्ती कराया गया, जहां उनका निधन हो गया।
बिंदेश्वर पाठक ने राष्ट्रव्यापी स्वच्छता आंदोलन के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उनकी पहल से सभी शहरों में सुलभ शौचालयों का निर्माण संभव हो सका। उन्होंने शौचालयों को साफ करने वाले और मैला ढोने वालों के मानवाधिकारों के लिए काफी प्रयास किया है। बिंदेश्वर पाठक के प्रयास से लाखों वंचित और गरीबों के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव आए।