ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar: शादी में नर्तकियों के बीच हर्ष फायरिंग करना पड़ गया महंगा, वीडियो वायरल होते ही पुलिस ने युवक को दबोचा वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने किया एलान, हमारी आगे की लड़ाई ‘गिनती के बाद हिस्सेदारी’ की जाकिर बन गया जगदीश: 8 मुसलमानों ने हिन्दू धर्म को अपनाया, हवन और वैदिक मंत्रोच्चारण से हुआ शुद्धिकरण HAJIPUR: जननायक एक्सप्रेस से 8 किलो अफीम बरामद, महिला समेत दो तस्कर गिरफ्तार ISM में वेदांता इंटरनेशनल और ICICI बैंक के कैंपस प्लेसमेंट ड्राइव 2025 का आयोजन, कई छात्र-छात्राओं का हुआ चयन Indian Air Force: एक्सप्रेसवे पर वायुसेना दिखाएगी ताकत, राफेल-जगुआर और मिराज जैसे फाइटर जेट करेंगे लैंड; जानिए.. Indian Air Force: एक्सप्रेसवे पर वायुसेना दिखाएगी ताकत, राफेल-जगुआर और मिराज जैसे फाइटर जेट करेंगे लैंड; जानिए.. वक्फ बोर्ड बिल के विरोध में मुंगेर में शरारती तत्वों ने चलाया बत्ती गुल अभियान, डॉक्टर ने लाइट्स बंद नहीं किया तो जान से मारने की दी धमकी Bihar News: वज्रपात की चपेट में आने से दो लोगों की दर्दनाक मौत, बारिश के दौरान हुआ हादसा मधुबनी में दहेज दानवों की करतूत: दो लाख रूपये के लिए 2 बच्चों की मां की पीट-पीटकर हत्या

जम्मू-कश्मीर में लगी पाबंदियों पर सुप्रीम कोर्ट में आज होगी सुनवाई

1st Bihar Published by: 2 Updated Tue, 13 Aug 2019 03:32:41 PM IST

जम्मू-कश्मीर में लगी पाबंदियों पर सुप्रीम कोर्ट में आज होगी सुनवाई

- फ़ोटो

DESK : जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद राज्य के वर्तमान हालात को लेकर दायर की गई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होगी. यह याचिका कांग्रेस कार्यकर्ता तेहसीन पूनावाला ने दायर की थी. इस पर जस्टिस अरुण मिश्रा, एम.आर. शाह और अजय रस्तोगी की बेंच सुनवाई करेगी. कश्मीर टाईम्स की कार्यकारी संपादक अनुराधा भसीन ने भी याचिका दायर की थी. इसमें कहा गया था कि अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद राज्य में पत्रकारों पर प्रतिबंध लगा दिए गए थे, जिसे तत्काल हटाए जाने चाहिए. पूनावाला ने कहा कि वह अनुच्छेद 370 पर कोई विचार नहीं रखते हैं, लेकिन राज्य से कर्फ्यू, फोन लाइन्स, इंटरनेट और न्यूज चैनल पर से प्रतिबंध हटाए जाने चाहिए. केंद्र ने किया मौलिक अधिकारों का उल्लंघन: पूनावाला पूनावाला ने मांग की कि कोर्ट पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती जैसे नेताओं को रिहा करने का आदेश जारी करे. जमीनी हकीकत की जांच के लिए एक न्यायिक आयोग की गठन करे. केंद्र सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 19 और 21 के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन किया है.