PATNA : बीजेपी को झटका देकर महागठबंधन के साथ जाने पर एक तरफ जहां बीजेपी नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमलावर बने हुए हैं तो वहीं दूसरी तरफ लोजपा रामविलास के अध्यक्ष चिराग पासवान ने भी सीएम नीतीश के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। चिराग पासवान ने सुशील मोदी के उस बयान का समर्थन किया है जिसमें उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उपराष्ट्रपति बनना चाहते थे। चिराग पासवान ने उपराष्ट्रपति चुनाव के तुरंत बाद बीजेपी से अलग होने के नीतीश कुमार के फैसले पर सवाल उठाया है।
चिराग पासवान ने कहा है कि आखिर क्या बात थी कि नीतीश कुमार ने 6 अगस्त को बीजेपी से अलग होने का फैसला लिया। जब नीतीश कुमार को लगा था कि 2020 के विधानसभा चुनाव में उनके साथ खोखा हुआ है तो उसी समय क्यों नहीं बीजेपी से अलग हो गए।बीजेपी से अलग होने में उन्हें 22 महीने का वक्त क्यों लग गया। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने पहले तो राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार बनने की कोशिश की लेकिन जब बात नहीं बनी तो उपराष्ट्रपति के लिए अपनी कोशिश शुरू कर दी।
उन्होंने कहा कि पूरा यकिन है कि नीतीश कुमार ने उपराष्ट्रपति बनने की कोशिश की होगी, नहीं तो टाइमिंग इतनी परफेक्ट नहीं हो सकती है। जब उपराष्ट्रपति शपथ ले रहे थे तभी नीतीश कुमार को 22 महीने पहले वाला चिराग मॉडल क्यों याद आ गया। चिराग ने कहा कि नीतीश कुमार अपनी कुर्सी के अलावा किसी के सगे नहीं हैं। जब उपराष्ट्रपति की कुर्सी नहीं मिली तो 2024 में प्रधानमंत्री की कुर्सी पाने की कोशिश करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री पद के लिए ऐसे महत्वाकांक्षी नेता आपस में ही सिर फुट्टौवल करेंगे। कुर्सी की लालच में नीतीश कुमार ने बिहार को बर्बादी के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है।