PATNA: बिहार में शराब पीने औऱ बेचने के आरोप में साढ़े चार लाख लोगों को जेल भेजने के बाद नीतीश कुमार नया स्कीम लेकर आ गये हैं. शराबबंदी वाले राज्य में शराब और ताड़ी बेच रहे लोगों को एक लाख रूपये देने का फैसला ले लिया गया है. नीतीश कैबिनेट की बैठक में आज ये फैसला ले लिया गया.
सरकार ने कहा है कि सतत जीविकोपार्जन योजना के तहत वैसे परिवारों को एक लाख रूपये की मदद दी जायेगी जो देशी शराब या ताड़ी के उत्पादन और बिक्री में लगे हैं. राज्य सरकार शराब, ताडी के उत्पादन औऱ बिक्री में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से जुड़े अत्यंत निर्धन और अनुसूचित जाति, जनजाति परिवारों को एक लाख रूपये देगी. सरकार का कहना है कि इस पैसे से शराब-ताड़ी के पेशे में लगे लोग अपने लिए नया रोजगार खड़ा कर पायेंगे. ग्रामीण विकास विभाग स्वयं सहायता समूह के जरिये ये मदद देगा.
बता दें कि चार दिन पहले इसका एलान नीतीश कुमार ने किया था. पटना में 26 नवंबर को नशा मुक्ति दिवस के मौके पर नीतीश कुमार ने एलान किया था कि शराब बेचने का काम छोड़ने वाले को राज्य सरकार एक लाख रूपये देगी. सिर्फ शराब बेचने वाले ही नहीं बल्कि ताड़ी बेचने वाले के लिए भी ये स्कीम चलेगी. अगर वे ताड़ी के बजाय नीरा बनायेगा तो सरकार उन्हें भी एक लाख रूपये देगी.
नीतीश कुमार ने कहा था कि असली धंधेबाज बाहर कहां निकलता है. वह तो गरीब-गुरबा को बाहर भेज कर शराब बेचवाता है. गरीब गुरबा लोगों को पकड़ने की जरूरत नहीं है. नीतीश ने कहा हम नयी योजना बनाने जा रहे हैं. अपनी नयी योजना बनाने जा रहे हैं. जो शराब बेच रहे हैं या ताड़ी बेच रहे हैं उनके लिए सरकार नया स्कीम ला रही है. उनके लिए सरकार सतत जीविकोपार्जन योजना चलायेगी. जो शराब बेचना या ताड़ी बेचना छोड़ देंगे उन्हें सरकार मदद करेगी. सरकार उन्हें दूसरा रोजगार करने के लिए एक लाख रूपये देगी. वे एक लाख रूपये से नया रोजगार करें.
नीतीश का हृदय परिवर्तन
बता दें कि पिछले 6 सालों में बिहार में शराब पीने और बेचने के अपराध में 4 लाख से ज्यादा लोगों को जेल भेजा जा चुका है. सरकार ने शराब पकड़े जाने पर पूरे परिवार को जेल भेजने से लेकर तमाम तालिबानी कानून लागू किये और नीतीश कुमार अपने हर फैसले का समर्थन करते रहे. नीतीश कुमार की शराब नीति को लेकर हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कई दफे जमकर फटकार लगायी. अब नीतीश कुमार यू टर्न मार रहे हैं. ये सर्वविदित है कि बिहार में अवैध शराब का कारोबार कई हजार करोड़ रूपये का हो चुका है. ऐसे में नीतीश कुमार की एक लाख की स्कीम कितना काम करेगी ये भी सोंचने का विषय है.