PATNA : बिहार विधानसभा के पहले चुनाव के मतदान से ठीक पहले नेताओं के बीच जुबानी जंग भी तेज हो गई है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के 'बाबू साहब' वाले बयान को लेकर सत्ताधारी दल के नेता ताबड़तोड़ हमले बोल रहे हैं. 'बाबू साहब' वाले बयान को लेकर चौतरफा घिरे तेजस्वी यादव की पार्टी ने अपना स्टैंड क्लियर किया है. आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने पटना में प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि तेजस्वी ने अफसरों को इंगित करने के लिए अपने संबोधन में 'बाबू साहब' शब्द का प्रोग किया, जिसे स्पिन कर पेश किया जा रहा है.
प्रेस कांफ्रेंस में मनोज झा ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सरकारी अफसरों को 'बाबू साहब' साहब बताया है, जिसे सत्ताधारी दल के नेता तोड़मरोड़ कर पेश कर रहे हैं. तेजस्वी यादव ने हर मंच से भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने का काम किया है. चुनावी जनसभा में उन्होंने कहा है कि बिहार में अंचल कार्यालय से ब्लॉक तक हर जगह करप्शन है. जिसे लेकर वह 'बाबू साहब' यानी कि अफसरों के ऊपर सवाल उठा रहे हैं.
मनोज झा ने कहा कि राष्ट्रिय जनता दल ने हर जाति और वर्ग के लोगों को टिकट देने का काम किया है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने समाज के सभी वर्गों का ख्याल रखते हुए सभी जातियों और महिलाओं को भी टिकट देने का काम किया है. सत्ताधारी दल के नेता भ्रष्ट बाबुओं और सामंती साहिबाना इलाज के लोगों को एक विशेष समाज से जोड़ने का काम किया. तेजस्वी यादव कभी भी ऐसी बात नहीं कहेगी.
आरजेडी के राज्यसभा सांसद ने आगे कहा कि नीतीश कुमार और उनके साथ रहने वाले लोग भ्रम फैलाने का काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सीएम होने के नाते उन्हें अपनी गरिमा का भी ख्याल रखना चाहिए. सीएम को संवाद के स्तर का ख्याल रखना चाहिए.
आपको बता दें कि तेजस्वी यादव ने रोहतास की एक जनसभा में लालू राज की चर्चा करते हुए गरीबों को लेकर कहा था कि लालू शासन में गरीब 'बाबू साहब' के सामने सीना तान कर चलते थे. तेजस्वी यादव के इस बयान को सवर्णों और खास तौर पर राजपूत जाति के लोगों के खिलाफ माना जा रहा है. इस बयान को लेकर तेजस्वी पर विरोधियों ने हमला तेज कर दिया है.