Bihar News: दर्दनाक सड़क हादसे में दो युवकों की मौत, तेज रफ्तार ट्रैक्टर ने बाइक को मारी जोरदार टक्कर Bihar news: राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने बुलाई अहम बैठक, संघ से समन्वय की दिशा में बड़ा कदम Bihar news: राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने बुलाई अहम बैठक, संघ से समन्वय की दिशा में बड़ा कदम पुलिस के 'सर्किल इंस्पेक्टर' का कार्यालय बन गया दुकान, रुपया दीजिये नाम हटवाइए और जोड़वाइए, DIG ने कर दिया सस्पेंड Bihar News: मंत्री विजय शाह के खिलाफ बिहार में केस दर्ज, कर्नल सोफिया को बताया था पाकिस्तानियों की बहन Bihar News: मंत्री विजय शाह के खिलाफ बिहार में केस दर्ज, कर्नल सोफिया को बताया था पाकिस्तानियों की बहन BIHAR CRIME: 25 हजार का ईनामी TOP-10 अपराधी टाइगर गिरफ्तार, लंबे समय से थी जमुई पुलिस को तलाश Bihar Crime News: पांच करोड़ के आभूषण लूटकांड का पुलिस ने किया खुलासा, दो लाख का इनामी निकला मास्टरमाइंड; कोर्ट का मुंशी भी शामिल Bihar Crime News: पांच करोड़ के आभूषण लूटकांड का पुलिस ने किया खुलासा, दो लाख का इनामी निकला मास्टरमाइंड; कोर्ट का मुंशी भी शामिल ‘घर से दो-दो मुट्ठी चावल लेकर ऑफिस आएं’ सरकारी अधिकारी ने कर्मियों को क्यों दिया ऐसा आदेश?
1st Bihar Published by: RAJKUMAR Updated Sun, 07 Jan 2024 06:30:57 PM IST
- फ़ोटो
NALANDA: डिप्टी सीएम के साथ-साथ तेजस्वी यादव बिहार के स्वास्थ्य मंत्री का दायित्व भी संभाल रहे हैं। इसके साथ ही कई अन्य विभागों के भी वे मंत्री हैं। स्वास्थ्य मंत्री बनने के बाद तेजस्वी ने लोगों को विश्वस्तरिय स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने का दावा किया था। दो साल बीतने को हैं लेकिन हालत जस के तस बने हुए हैं। बिहार के अस्पताल में बुनियादी सुविधाओं की घोर कमी के कारण लोगों का हाल बेहाल है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिला नालंदा में तेजस्वी यादव के दावे की पोल खुली है। बीते 27 दिसंबर को सोहसराय थाना क्षेत्र में एक सड़क हादसे में सोहदीह गांव निवासी इंद्रजीत प्रसाद के 35 वर्षीय बेटे अशोक कुमार की मौत हो गई थी। घटना की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने मृतक के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराने के लिए बिहारशरीफ सदर अस्पताल भेज दिया था।
जहां शव का पोस्टमार्टम करने के बाद शव को सौंपने के एवज में पांच सो रुपए की मांग परिजनों से की गई। पोस्टमार्टम करने वाला शख्स बिना पैसे लिए शव देने को तैयार नहीं था। आखिरकार परिजनों ने जब शख्स को पांच सौ रुपए दिए तब उसने शव उन्हें सौंपा। शव को ले जाने के लिए अस्पताल प्रशासन द्वारा किसी प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं की गई। डेडबॉडी को ले जाने के लिए शव वाहन नहीं मिलने पर परिजन सामान ढोने वाली ठेला गाड़ी पर शव को रखकर ले गए।
मृतक के परिजन प्रेमचंद प्रसाद के मुताबिक, पोस्टमार्टम कराकर पुलिस ने शव को ले जाने के लिए कहा लेकिन अस्पताल प्रशासन के द्वारा शव वाहन की जानकारी नहीं दी गई और न ही पोस्टमार्टम करने वाले ने ही कुछ बताया इसके बाद समान ढोने वाली गाड़ी से शव को लेकर गए। पोस्टमार्टम करने वाले ने पैसा लेने के बाद ही शव को सौंपा।