ब्रेकिंग न्यूज़

Action On CRPF Jawan: बिना अनुमति पाकिस्तानी लड़की से शादी करना पड़ा भारी, अब CRPF करने जा रही बड़ी कार्रवाई Unique Party Trend: बिना दूल्हा-दुल्हन के हो रही शादी! दिल्ली में सामने आया नया ट्रेंड, जानिए.. Life Style: गर्मियों में इसके पत्तों का सेवन क्यों है जरूरी? जानिए.. इसके 5 चमत्कारी फायदे Bihar Politics on caste census: जाति जनगणना पर क्रेडिट की मची होड़: डिप्टी सीएम विजय सिन्हा का हमला, बोले— तेजस्वी सिर्फ मौके की तलाश में रहते हैं! Samastipur Snake Catcher: नहीं रहे 'सांपों के मसीहा' जय सहनी, जिनकी जिंदगी बचाने को रहते थे हमेशा तत्पर, उन्हीं में से एक ने ले ली जान Parent-child relation: बच्चों को शर्मिंदा कर देती हैं पैरेंट्स की ये आदतें, जानिए क्यों बच्चे बनाने लगते हैं दूरियां Bihar Assembly Election 2025: जहानाबाद में बिछने लगी बिसात...NDA में किसके खाते में जाएगी सीट ? दर्जन भर हैं दावेदार..किनका टिकट होगा फाइनल,जानें... IPL2025: "हमें विनम्र बने रहने की जरुरत", अंकतालिका में टॉप पर जाने के बाद हार्दिक और सूर्या का बड़ा बयान, फैंस बोले "ये दोनों MI के पिलर हैं" Made in India: डोनाल्ड ट्रम्प के टैरिफ वॉर के बाद अमेरिका में 'मेड इन इंडिया' की गूंज! Gold theft jewellery shop: थानेदार बनकर आया, लाखों के गहने ले उड़ा, CCTV फुटेज देख दंग रह गया दुकानदार!

तो क्या अश्वनी चौबे ने खुद छोड़ा बक्सर का टिकट ? बोल मिथलेश तिवारी ...बिना उनकी मर्जी नहीं मिला सिंबल, मिनी काशी के तौर पर करुंगा विकास

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 31 Mar 2024 09:13:42 AM IST

तो क्या अश्वनी चौबे ने खुद छोड़ा बक्सर का टिकट ? बोल मिथलेश तिवारी ...बिना उनकी मर्जी नहीं मिला सिंबल, मिनी काशी के तौर पर करुंगा विकास

- फ़ोटो

BUXAR : लोकसभा चुनाव को लेकर तारीखों का ऐलान हो गया है। बिहार में 7 चरणों में चुनाव होने हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव में सबसे बड़ी बात यह रही कि इस बार भाजपा ने करीब 100 सांसदों का पत्ता काट दिया है। जिसमें से एक नाम जो सबसे अधिक चर्चा में बना हुआ है वह नाम है केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी चौबे का। इस बार अश्वनी चौबे को बक्सर से टिकट नहीं दिया गया है उनकी जगह मिथिलेश तिवारी को मैदान में उतारा गया है। ऐसे में अब इस बात की चर्चा काफी तेज थी कि आखिर क्या वजह रही जो अश्वनी चौबे का टिकट काट दिया गया। अब इन तमाम अब इन तमाम सवालों का जवाब खुद बक्सर से लोकसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं मिथिलेश तिवारी ने दिया है।


दरअसल, एक मीडिया चैनल से बात करते हुए मिथिलेश तिवारी ने बताया कि बिना अश्वनी चौबे किराए से मुझे उम्मीदवारी बक्सर से नहीं मिल सकती थी। उनसे पहले सवाल किया गया उसके बाद ही मुझे टिकट दिया गया। मैं तो कहीं भी लिस्ट में भी नहीं था। मैं तो हाई कोर्ट में विधानसभा का इलेक्शन पिटिशन केस लड़ रहा था। मुझे उम्मीद थी कि इलेक्शन पिटिशन में मेरी जीत होगी और मैं फिर से विधायक बन जाऊंगा। लेकिन अचानक से पार्टी की तरफ से फैसला आया और पार्टी ने मुझे टिकट दिया तो यह सब कुछ बिना अश्वनी चौबे के मर्जी का हो ही नहीं सकता है उनकी मर्जी हुई तभी मुझे यहां से टिकट मिला है।


वही जब उनसे सवाल किया गया की क्या टिकट मिलने के बाद आपकी अश्वनी चौबे से बातचीत हुई है या वह आपसे अभी भी नाराज है। इसके जवाब में मिथिलेश तिवारी ने कहा कि मेरी उनसे बात हुई है मेरा कोई उनसे द्वेष नहीं है। वह मेरे बड़े भाई हैं मैं उनका छोटा भाई हूं और 30 वर्षों से मेरा उनसे संबंध रहा है मैंने उनके लिए काम किया है वह जब यहां से चुनाव लड़ रहे थे तब मैं उनके लिए प्रचार करता था तो मेरी लड़ाई उनसे कभी हो ही नहीं सकती है। बिहार बीजेपी में मेरा जो राजनीतिक सफर रहा है उसमें शायद ही कोई ऐसा पल होगा जब मैं अश्वनी चौबे के साथ नहीं रहा। तो उनकी मेरे से नाराजगी की बातें बेकार है।


इसके अलावा जब उनसे यह सवाल किया गया की अब आपको टिकट मिल गई है तो पहले प्राथमिकता क्या होगी। इसके जवाब में मिथिलेश तिवारी ने कहा कि एक लाइन में कहूं तो मैं काशी बहुत जाता हूं बनारस को मैंने बहुत करीब से देखा है कि मैं यह देखा है कि अपने संसदीय इलाके को प्रधानमंत्री मोदी ने कैसे सजाया है और मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह है काम करना चाहता हूं। तो चौबे जी ने जो नारा दिया था कि यह बक्सर में निकासी है तो बस इस नारे के तर्ज पर बक्सर का विकास हो यही मेरा उद्देश्य है और यही मेरी प्राथमिकता है।


उधर सुधाकर सिंह से लड़ाई को लेकर मिथिलेश तिवारी ने कहा कि उनसे मेरा बहुत ही पर्सनल रिलेशन रहे हैं वह हमारी पार्टी में रहे हैं मैं उनका इंचार्ज रहा हूं मुझे आज भी वह बहुत सम्मान करते हैं और रही बात राजपूत और ब्राह्मण की तो एक बात हर कोई जानता है कि उनका समाज हमेशा ब्राह्मणों का संरक्षण करता रहा है और ब्राह्मण हमेशा तपस्या करके उनको ताकत देता रहा है तो इन दोनों समाज के बीच जो संबंध है वह विलक्षण संबंध है। मुझे बस यही कहना है कि जिस घर बंधन में ना कोई नेता हो ना कोई नीति हो और ना कोई नियत हो उसके उम्मीदवार को कोई अपना मत क्यों देगा ?