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1st Bihar Published by: Updated Sat, 23 Jul 2022 07:56:35 PM IST
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JAMSHEDPUR: जमशेदपुर पुलिस लाइन में 30 वर्षीय सिपाही सविता हेंब्रम, उनकी 70 वर्षीय मां लखिया मुर्मू और सविता हेंब्रम की बेटी गीता हेंब्रम की धारदार हथियार से हत्या कर दी गयी थी। 19 जुलाई हो हुए ट्रिपल मर्डर का खुलासा जमशेदपुर पुलिस ने कर लिया है। पहले हत्या का शक मृतका सविता हेंब्रम के देवर और जेठ पर जा रही थी लेकिन पुलिसिया जांच में यह बात निकल कर सामने आई की तीनों की हत्या एसएसपी कार्यालय में कार्यरत ड्राइवर रामचंद्र ने किया है।
फिलहाल जमशेदपुर पुलिस ने एसएसपी के ड्राइवर रामचंद्र को गिरफ्तार कर लिया है। 19 जुलाई को हुए इस ट्रिपल मर्डर का खुलासा एसएसपी प्रभात कुमार ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में की। उन्होंने बताया कि लेडी कॉस्टेबल सविता हेंब्रम के साथ एसएसपी के ड्राइवर रामचंद्र का प्रेम प्रसंग काफी दिनों से चल रहा था। लेकिन कुछ महीनों से सुंदर टुडू नामक एक दूसरे युवक से सविता की नजदीकियां बढ़ गयी थी। इस बात की जानकारी मिलने के बाद रामचंद्र सविता से नाराज चल रहा था। 19 जुलाई को उसने सविता के साथ-साथ उसकी उनकी मां और बेटी को भी मौत की निंद सुला दिया था।
बता दें कि जमशेदपुर के गोलमुरी स्थित पुलिस लाइन में 19 जुलाई को हड़कंप मचा हुआ था। महिला कॉन्स्टेबल और उसकी मां-बेटी की धारदार हथियार से हत्या कर दी गयी थी। ट्रीपल मर्डर के बाद बदमाशों ने घर के गेट पर ताला लगा दिया और मौके से फरार हो गये थे। दो दिन तक जब महिला सिपाही ड्यूटी पर नहीं गयी तब उसकी खोजबीन शुरू की गयी। इस दौरान दो दिनों तक तीनों शव कमरे में बंद रहा। किसी को इस बात की भनक तक नहीं लगी कि तीनों की हत्या कर दी गयी थी।
कमरे से दुर्गंध आने के बाद पड़ोसियों ने पुलिस को इसकी सूचना दी। जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने जब कमरे का ताला तोड़ा तो क्षत-विक्षत लाश को देख हैरान रह गयी। एक साथ तीन लाश के मिलने से इलाके में हड़कंप मच गया। पुलिस ने तीनों शवों को कब्जे में लिया और उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज आगे की कार्रवाई शुरू की। मृतका की पहचान 30 वर्षीय सिपाही सविता हेंब्रम, उनकी 70 वर्षीय मां लखिया मुर्मू और सविता हेंब्रम की बेटी गीता हेंब्रम के रूप में हुई।
घटना के उद्भेदन से पहले यह बात सामने आई थी कि ससुरालवालों से सविता का विवाद चल रहा था। पति कैलाश की मौत के बाद नौकरी के लिए जब सविता का नाम रखा गया तब उनकी सास ने इस बात का विरोध किया था। इस बात की जानकारी देते हुए सविता की बहन रानू मार्डी कहा कि जब सविता को पुलिस में नौकरी लगने वाली थी तब उसकी सास ने एसएसपी कार्यालय में यह लिखकर दे दिया था कि कैलाश की पत्नी सविता के बजाय उसके दूसरे बेटे यानी मृतक के छोटे भाई को नौकरी दी जाए।
बाद में सविता की सास का निधन हो गया। जिसके बाद सविता के देवर ने नौकरी पाने के लिए एड़ी चोटी एक कर दी। लेकिन उसे नौकरी मिलने में सफलता नहीं मिली। पति की मौत के बाद नौकरी पत्नी यानी सविता को दी गयी। उसकी तैनाती एसएसपी कार्यालय में हुई थी। सविता को नौकरी लगने के बाद देवर और जेठ दोनों नाराज चल रहे थे। कुछ देर के लिए देवर और जेठ पर हत्या की आशंका जतायी गयी लेकिन आज यह क्लियर हो गया कि मृतका का देवर और जेठ का ट्रिपल मर्डर में किसी तरह का हाथ नहीं था। बल्कि इस घटना को अंजाम एसएसपी के ड्राइवर ने दी थी।