Bihar News: नहाने के दौरान डूबने से दो लड़कियों की मौत, दादा को खाना पहुंचाने गई थीं दोनों बच्चियां आरा में 22 जून को 'संत सम्मेलन' का आयोजन, जन जागरण सेवा कल्याण संस्थान का कार्यक्रम JDU विधायक के भांजे की हत्या का खुलासा, मुख्य आरोपी गिरफ्तार, प्रॉपर्टी के लिए छोटे भाई ने घटना को दिया था अंजाम Bihar News: काली कमाई से अकूत संपत्ति बनाने वाले अपराधियों की खैर नहीं, इस नए कानून को हथियार बनाएगी बिहार पुलिस Bihar News: काली कमाई से अकूत संपत्ति बनाने वाले अपराधियों की खैर नहीं, इस नए कानून को हथियार बनाएगी बिहार पुलिस IOCL में प्रबंधन की तानाशाही के खिलाफ आमरण अनशन, पूर्वी क्षेत्र के सभी लोकेशनों पर विरोध प्रदर्शन जारी Patna Metro: यहां बनेगा पटना मेट्रो का सबसे बड़ा अंडरग्राउंड स्टेशन, हर दिन 1.41 लाख यात्री करेंगे सफर Patna Metro: यहां बनेगा पटना मेट्रो का सबसे बड़ा अंडरग्राउंड स्टेशन, हर दिन 1.41 लाख यात्री करेंगे सफर Bihar News: गयाजी के सूर्यकुंड तालाब में सैकड़ों मछलियों की मौत, भीषण गर्मी या है कोई और वजह? Bihar News: गयाजी के सूर्यकुंड तालाब में सैकड़ों मछलियों की मौत, भीषण गर्मी या है कोई और वजह?
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 24 Dec 2024 11:19:31 PM IST
- फ़ोटो
आचार्य चाणक्य का नीतिशास्त्र आज भी जीवन में सफलता और सद्गुणों को अपनाने का मार्गदर्शन करता है। उनके अनुसार, घर का मुखिया परिवार की नींव होता है, और उसकी आदतें परिवार की उन्नति या अवनति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। आइए जानते हैं मुखिया को किन आदतों से बचना चाहिए:
1. अन्न की बर्बादी से बचें
चाणक्य कहते हैं कि अन्न का सम्मान करना चाहिए।
हिंदू धर्म में माता अन्नपूर्णा को अन्न की देवी माना गया है।
जो व्यक्ति अन्न बर्बाद करता है, उसे देवी अन्नपूर्णा की नाराजगी का सामना करना पड़ता है।
इससे घर में आर्थिक समस्याएं बढ़ती हैं।
सुझाव: अन्न को बचाएं और उसके महत्व को समझें।
2. फिजूलखर्ची न करें
घर का मुखिया अगर अनावश्यक खर्च करता है, तो परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर हो सकती है।
मुखिया को आदर्श प्रस्तुत करना चाहिए, क्योंकि बच्चे बड़ों से ही सीखते हैं।
फिजूलखर्ची की आदत से परिवार में धन की कमी हो सकती है।
सुझाव: आवश्यकता अनुसार खर्च करें और बचत को प्राथमिकता दें।
3. खुद नियमों का पालन करें
मुखिया अगर घर के लिए नियम बनाता है, तो सबसे पहले उन्हें खुद पालन करना चाहिए।
नियमों को तोड़ने से परिवार के अन्य सदस्य भी उन्हें गंभीरता से नहीं लेते।
सुझाव: खुद अनुशासित होकर परिवार के लिए प्रेरणा बनें।
4. परिवार के सदस्यों से अच्छे संबंध रखें
आचार्य चाणक्य के अनुसार,
मुखिया को परिवार के सदस्यों में भेदभाव नहीं करना चाहिए।
छोटों को कमतर आंकने की आदत से परिवार में बैर और असंतोष बढ़ता है।
सुझाव: सभी सदस्यों के साथ समान व्यवहार करें और सकारात्मक वातावरण बनाएं।
5. परिवार की उन्नति में बाधा न बनें
परिवार के सदस्यों को प्रोत्साहित करें।
मुखिया की गलत आदतें परिवार की प्रगति को रोक सकती हैं।
सुझाव: परिवार को साथ लेकर चलें और सभी की उन्नति में योगदान दें।
चाणक्य नीति के अनुसार, घर के मुखिया को अपनी आदतों में सुधार कर परिवार के लिए उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए। इससे न केवल परिवार की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी, बल्कि सदस्यों के बीच प्रेम और एकता भी बनी रहेगी।
अस्वीकरण: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। पाठकों को अपने विवेक से निर्णय लेना चाहिए।