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बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने अध्यक्ष पद से दिया इस्तीफा, सदन शुरू होते ही अध्यक्ष पद से इस्तीफे की घोषणा की

1st Bihar Published by: Updated Wed, 24 Aug 2022 11:06:21 AM IST

बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने अध्यक्ष पद से दिया इस्तीफा, सदन शुरू होते ही अध्यक्ष पद से इस्तीफे की घोषणा की

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PATNA: बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय सिन्हा ने अपने पद से इस्तीफा दिया। सदन शुरू होते ही अपनी बात को रखने के बाद विजय सिन्हा ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की घोषणा की। विजय सिन्हा ने कहा कि उन्हे बहुमत से सदन का अध्यक्ष चुना गया था, वर्तमान राजनीतिक हालात में बहुमत मेरे पक्ष में नहीं है इसलिए पद का त्याग करता हूं।



विजय सिन्हा ने कहा कि मेरे खिलाफ कुछ विधायकों ने अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है, इसलिए बहुमत के आधार पर मेरा पद पर बने रहना उचित नहीं होगा। अध्यक्ष पद पर रहते हुए मैने पूरी निष्ठा के साथ अपने कर्तव्य का निर्वहन किया। नई सरकार के बनते ही मै इस्तीफा दे देता लेकिन कुछ विधायकों ने मेरे खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जो मुझे ठीक नहीं लगा। मुझे लगा कि बिना अपना पक्ष रखे हुए पद का त्याग करना सही नहीं है। मेरे खिलाफ मनमानी और तानाशाही का जो आरोप लगाया गया वो बिल्कुल निराधार है।



सिन्हा ने आगे कि अपने छोटे से कार्यकाल में कई उपलब्धियां देखी। प्रधानमंत्री का पहली बार में बिहार विधानसभा में आना और सदन को संबोधित करना काफी प्रेरणादायक रहा। मुख्यमंत्री और वर्तमान में बिहार के उपमुख्यमंत्री का सदन में पूरा सहयोग मिला जो किसी से छुपा नहीं है। आम लोगों ने विधानसभा में वेबकास्टिंग के माध्यम से सदन के सभी गतिविधियों को देखा। विजय सिन्हा ने कहा कि मेरे खिलाफ जो अविश्वास प्रस्ताव लाया गया, उसमें 9 में से 8 सदस्यों का अविश्वास प्रस्ताव नियम के मुताबिक नहीं था। सदन में अपने संबोधन के अंत में उन्होने कहा कि निष्पक्ष होकर सदन का संचालन किया। विधायिका का सम्मान बढ़े यही इच्छा है, क्योकि विधायिका का सम्मान बढ़ने से प्रशासनिक अराजकता खत्म होगी। सिन्हा ने आखिर में जेडीयू विधायक नरेंद्र नारायण यादव को आसन संभालने की जिम्मेदारी दी क्योंकि वो सबसे सीनियर सदस्य है इसलिए अधियाशी सदस्य के रूप में उन्हे नामित किया है और सदन को 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। विजय सिन्हा के इस निर्णय पर संसदीय कार्यमंत्री विजय चौधरी ने अनुचित बताया और कहा कि चूंकि सदन के उपाध्यक्ष के रूप में महेश्वर हजारी है इसलिए उनका ये निर्णय अनुचित है।