पति ने हाथ उठाया तो पत्नी ने दी सजा, चाकू से काट दिया प्राइवेट पार्ट, खुद पी लिया तेजाब अरवल में हार्ट अटैक से हेडमास्टर की मौत, गांव में शोक की लहर MUZAFFARPUR: बूढ़ी गंडक में नहाने के दौरान नदी के तेज बहाव में बह गईं 2 बच्चियां, तलाश में जुटी SDRF की टीम Bihar Dsp Transfer: नीतीश सरकार ने एक साथ 61 DSP का किया ट्रांसफर-पोस्टिंग, पूरी सूची देखें.... BIHAR: पटना के VIP इलाकों की सड़कें होंगी चौड़ी, 22.14 करोड़ की योजना मंजूर Patna Crime News: पटना पुलिस के एक्शन से हड़कंप, एकसाथ 216 लोगों को किया अरेस्ट; क्या है वजह? Patna Crime News: पटना पुलिस के एक्शन से हड़कंप, एकसाथ 216 लोगों को किया अरेस्ट; क्या है वजह? Bihar News: नदी में नहाने के दौरान पांच लड़कियां डूबीं, तीन को लोगों ने बचाया; दो की मौत Bihar News: नदी में नहाने के दौरान पांच लड़कियां डूबीं, तीन को लोगों ने बचाया; दो की मौत Success Story: पिता की मौत के बावजूद नहीं हारी हिम्मत, पहले ही प्रयास में पास की UPSC परीक्षा
1st Bihar Published by: Updated Thu, 16 Sep 2021 07:35:07 PM IST
- फ़ोटो
PATNA: वर्ल्ड पेशेंट सेफ्टी डे के मौके पर रूबन ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल ने दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। पटना के मौर्या होटल में आयोजित कार्यशाला में विश्व स्वास्थ्य संगठन के थीम को रखा गया। विश्व रोगी सुरक्षा दिवस पर मातृ एवं नवजात की देखभाल एवं सुरक्षित और सम्मानजनक प्रसव थीम का विषय रहा। इस बात की जानकारी रूबन ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल के चेयरमैन डॉ. सत्यजीत कुमार सिंह ने दी।
रुबन मेमोरियल हॉस्पिटल के डायरेक्टर सत्यजीत ने आज प्रेस को संबोधित करते हुए मेटरनिटी पर अपनी बात रखी। डॉक्टर सत्यजीत ने कहा कि रुबन हॉस्पिटल में मैटरनिटी को लेकर किस तरीके की व्यवस्थाएं हैं उस पर चर्चा की गयी। इसके साथ ही डॉक्टर्स की टीम ने इस दौरान बताया कि कैसे प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को अपना ख्याल रखना चाहिए। इसके साथ ही किस तरीके से मेडिकल ट्रीटमेंट लेनी चाहिए। रूबन की स्पेशल मेटरनिटी ट्रीटमेंट की यदि बात की जाए तो अब नॉर्मल डिलीवरी भी बिना दर्द के होगा।
इसके साथ ही डॉक्टर सत्यजीत ने बताया कि प्रेगनेंसी के दौरान कुछ लोग घबरा जाते हैं। वैसे लोगों के लिए सुमन की विशेष टीम उस पेशेंट के लिए काम करती है। उनके मनोदशा को ठीक करती है। और बेहतर ट्रीटमेंट करती है। वहीं डॉ सत्यजीत ने बताया कि प्रत्येक साल करोड़ों की संख्या में डिलीवरी के वक्त माताओं की जान चली जाती है तो कभी बच्चे और मां दोनों की जान चली जाती है। ऐसे में रूबन में जो फैसिलिटी मेटरनिटी के लिए शुरू की है उसमें बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था के तहत नवजात और मां दोनों का बेहतर तरीके से ट्रीटमेंट किया जाता है।
रूबन ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल के चेयरमैन डॉ. सत्यजीत कुमार सिंह ने बताया कि हजारों वर्षों से दवा एक साधारण सिद्धांत पर काम कर रही है। मुख्यतया यह देखा जाता कि दवा कोई नुकसान न करे। सिद्धांत आज भी उतना ही सत्य है जितना कि हिप्पोक्रेट्स के समय में लेकिन दुर्भाग्य से हम जानते हैं कि ऐसा नहीं है। हर घंटे के हर सेकेंड में हर साल के हर दिन में असुरक्षित देखभाल के कारण दुनिया भर में मरीजों को नुकसान होता है।
डॉ. सत्यजीत कुमार सिंह ने बताया कि दुनिया भर में अस्पताल में भर्ती 10 लोगों में से एक को सुरक्षा विफलता या प्रतिकूल घटना का अनुभव होता है। यह अमीर और गरीब सभी देशों के लिए एक समस्या है। यदि यह सुरक्षित नहीं है, तो इसकी कोई परवाह नहीं है। दुनिया अभी भी COVID-19 महामारी और इसके परिणामस्वरूप सामने आई परेशानी का सामना कर रही है।
सबसे कमजोर और हाशिए पर रहने वाली आबादी के महामारी के प्रत्यक्ष प्रभाव और टीकों की कमी के कारण अधिक प्रभावित हो रही है। स्वास्थ्य सेवाओं में व्यवधान से भी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है दुर्भाग्य से महिलाएं और नवजात शिशु इन समूहों में से हैं। लगभग 10 महिलाओं और 7000 नवजात शिशुओं की प्रतिदिन मृत्यु होती थी।
जो मुख्य रूप से बच्चे के जन्म के के आसपास होते थे हर साल लगभग 2 मिलियन बच्चे मृत पैदा होते हैं, जिनमें से 40% से अधिक प्रसव के दौरान होते हैं। सहायक वातावरण में काम करने वाले कुशल स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों द्वारा सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण देखभाल के प्रावधान के माध्यम से इनमें से अधिकांश मौतों और मृत जन्मों को टाला जा सकता है।