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1st Bihar Published by: Updated Mon, 13 Dec 2021 11:03:22 AM IST
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KATIHAR : बिहार में सरकारी अस्पतालों की कुव्यवस्था हर रोज सामनी आ रही है. कटिहार ज़िले का मुख्य अस्पताल सदर अस्पताल आये दिन विवादों के घेरे में रहता है. यहां न उचित व्यवस्था है और ही इलाज मिल रहा है, उल्टा मरीजों से गलत तरीके से पैसे मांगे जा रहे हैं.
ताजा मामला कटिहार के भगवान चौक की रहने वाली चानो देवी की है. जब पीड़िता चानो देवी को प्रसव पीड़ा हुई तो उनके परिजनों द्वारा उन्हें सदर अस्पताल लाया गया. लेकिन डॉक्टर की लापरवाही और उचित इलाज नहीं हो पाने के कारण प्रसव के पूर्व ही उनके बच्चे की मृत्यु पेट में ही हो गयी और तो और परिजनों की माने तो आशा कर्मी सुलेखा द्वारा मरीज के परिजन से 6 हजार रुपये की मांग की गई.
परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर इलाज के पूर्व ही उसे उच्च चिकित्सा के लिए दूसरे जगह रेफर कर दिया. इस बात को लेकर परिजनों ने सदर अस्पताल की कुव्यवस्था पर जम कर बवाल काटा. वहीं अस्पताल प्रबंधन पूरे मामले पर गोल मोल जबाब देकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते दिखे.
सदर अस्पताल का यह कोई पहला मामला नहीं है. कुछ ही दिनों पूर्व ही परतेली के नंदनी कुमारी की मौत लापरवाही के कारण हो गई थी. जिसके बाद नंदनी कुमारी के परिजनों ने भी आशा कार्यकर्ता पर मोटी रकम देने का आरोप लगाया था. आशा कार्यकर्ता को लेकर सदर अस्पताल आए दिन सवालों के घेरे में रहती है. हद तो तब हो गई जब मरीज अपने हाथों में सलाइन की बोतल अपने हाथों में लेकर इधर उधर भटक रही थी और अपना दुखड़ा बयां कर रही थी. अब देखने वाली बात यह है कि कटिहार के जिलाधिकारी उदयन मिश्रा इस पर क्या कुछ ठोस कार्रवाई करते हैं.