Allahabad judge :जज के घर मिली नोटों की गड्डी, राज्यसभा में गूंजा मामला

Allahabad judge :इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक न्यायाधीश के सरकारी आवास पर बड़ी मात्रा में नकदी मिलने का मामला संसद में उठा। कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने राज्यसभा में यह मुद्दा उठाते हुए न्यायिक जवाबदेही सुनिश्चित करने की मांग की।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 21 Mar 2025 08:10:45 PM IST

न्यायाधीश (Judge), आवास (Residence), नकदी (Cash), राज्यसभा (Rajya Sabha), संसद (Parliament), कांग्रेस (Congress), जयराम रमेश (Jairam Ramesh), जवाबदेही (Accountability), महाभियोग (Impeachment), न्यायपा

प्रतीकात्मक तस्वीर - फ़ोटो Google

Allahabad judge :राज्यसभा में दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश अभय वर्मा के सरकारी आवास पर बड़ी मात्रा में नकदी मिलने का मामला जोर-शोर से उठा। इस मुद्दे को सामने लाने के बाद सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने न्यायाधीश वर्मा का तबादला इलाहाबाद हाईकोर्ट में कर दिया और मामले की आंतरिक जांच के आदेश दिए।


शुक्रवार को कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने इस मामले को संसद में उठाते हुए सभापति से न्यायिक जवाबदेही सुनिश्चित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि पूर्व में भी इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने के लिए कई सांसदों ने राज्यसभा में नोटिस दिया था। रमेश ने यह भी याद दिलाया कि सभापति स्वयं न्यायिक जवाबदेही को लेकर कई बार चिंता जता चुके हैं।

न्यायपालिका में पारदर्शिता की मांग

राज्यसभा में बहस के दौरान सांसदों ने न्यायपालिका में पारदर्शिता और जवाबदेही की आवश्यकता पर जोर दिया। इस पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि यह चिंता का विषय है कि मामले को सामने आने में इतना समय लग गया। उन्होंने तर्क दिया कि अगर यही मामला किसी राजनेता, नौकरशाह या उद्योगपति से जुड़ा होता, तो तुरंत कार्रवाई की जाती। उन्होंने यह भी कहा कि सदन के नेता और विपक्ष के नेता से चर्चा कर इसी सत्र में इस मुद्दे पर बहस कराने का प्रयास किया जाएगा।


न्यायपालिका में भ्रष्टाचार पर गंभीर चर्चा

वरिष्ठ वकील और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने न्यायपालिका में भ्रष्टाचार को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह कोई नया मुद्दा नहीं है, बल्कि लंबे समय से चल रहा है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट को न्यायाधीशों की नियुक्ति प्रक्रिया में सुधार लाने की जरूरत है। उन्होंने यह भी मांग की कि हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाया जाए।