Bihar News: बिहार में RJD और BJP समर्थकों के बीच मारपीट, 5 घायल Success Story: “मेरा सपना तो IAS बनना है”, टैक्स डिपार्टमेंट की नौकरी के साथ की पढ़ाई, UPSC पास कर बन गई अधिकारी Bihar News: बिहार में यहां लग्जरी कार और ट्रक की टक्कर में 3 की मौत; कई घायल Anant Singh Arrested : जानिए जेल में कैसे कटी अनंत सिंह की रात, बेउर क्या कुछ खाया और अब क्या है पुलिस की तैयारी Bihar News: दिल्ली में बिहार के 28 वर्षीय युवक की मौत, यह गलती पड़ गई भारी Dularchand Yadav murder Case: रिमांड पर जाएंगे अनंत सिंह? पुलिस जांच में कई सवाल है अनसुलझे, घटना में प्रयुक्त हथियार नहीं हुआ बरामद Bihar Election 2025: योगी आदित्यनाथ मुजफ्फरपुर में करेंगे जनसभा, पवन सिंह और शाहनवाज हुसैन का रोड शो भी आज Dularchand Yadav murder Case: दुलारचंद यादव को कुचलने वाली कार की तलाश जारी, अब अनंत सिंह से होगी पुछताछ; CID करेगी जांच बसपा प्रत्याशी चितरंजन कुमार को AIMIM ने दिया समर्थन, रोमांचक हुई वजीरगंज विधानसभा चुनाव Bihar Election 2025: चुनावी सभा में सम्राट चौधरी ने बताया ‘लालटेनिया’ का मतलब, लालू परिवार पर जमकर बरसे
1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Tue, 18 Mar 2025 05:28:36 PM IST
- फ़ोटो reporter
Bihar Politics: बिहार की राजनीति में मंगलवार को उस समय हलचल मच गई जब राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण कुमार अग्रवाल और वीआईपी प्रमुख एवं पूर्व मंत्री मुकेश सहनी की पटना में मुलाकात हुई। विधानसभा चुनाव से पहले इस खास मुलाकात के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।
श्रवण कुमार अग्रवाल और वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी की इस मुलाकात के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं हालांकि, श्रवण कुमार अग्रवाल ने इसे एक व्यक्तिगत भेंट बताया है। उन्होंने कहा, "मुकेश सहनी अति पिछड़ा समाज के एक बड़े नेता हैं और राज्य की राजनीति में उनका व्यापक प्रभाव है। उनसे मेरा पुराना और व्यक्तिगत संबंध रहा है, इसी नाते मैं उनसे मिलने गया था।
जिस तरह यह मुलाकात एक घंटे से भी अधिक समय तक चली, उसे लेकर कई राजनीतिक अटकलें लगाई जा रही हैं। यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि बिहार की राजनीति में इस बैठक के दूरगामी प्रभाव देखने को मिल सकते हैं। विशेष रूप से, जब बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक गतिविधियां तेज हो रही हैं, तब इस तरह की मुलाकातों का महत्व और बढ़ जाता है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अति पिछड़ा वर्ग (EBC) के वोट बैंक को साधने की रणनीति के तहत यह मुलाकात हुई हो सकती है। अब देखना यह होगा कि यह मुलाकात महज एक शिष्टाचार भेंट थी या इसके पीछे कोई बड़ी राजनीतिक योजना छिपी हुई है। आने वाले दिनों में इस पर और स्पष्टता आ सकती है।