Dularchand Yadav murder : दुलारचंद हत्याकांड मामले में पुलिस का बड़ा एक्शन, घोसवरी और भदौर थानाध्यक्ष पर गिरी गाज; SP ने दी जानकारी Sanjay Gandhi Biological Park : पटना में जू समेत सभी पार्कों का समय बदला,अब इतने बजे खुलेगा चिड़ियाघर; जानिए टिकट का प्राइस और बाकी अन्य सुविधाएं Bihar Politics: बिहार चुनाव से पहले रीतलाल यादव को एक और झटका, पत्नी रिंकू कुमारी के खिलाफ केस दर्ज; जानिए.. पूरा मामला Bihar Politics: बिहार चुनाव से पहले रीतलाल यादव को एक और झटका, पत्नी रिंकू कुमारी के खिलाफ केस दर्ज; जानिए.. पूरा मामला Success Story: बिहार की बेटी ने UPSC इंटरव्यू में दिया ऐसा जवाब कि पैनल भी मुस्कुरा उठा, कड़ी मेहनत के दम पर बनीं IAS अधिकारी Tejashwi Yadav tweet : तेजस्वी यादव ने PM मोदी से कर दी बड़ी अपील कहा - अपने भाषण में आरा के जंगलराज का जरूर करें जिक्र Bihar Weather Update: बिहार में चुनाव प्रचार पर मौसम की मार, उड़ान नहीं भर पा रहे नेताओं के हेलिकॉप्टर; कई रैलियां रद्द Bihar Weather Update: बिहार में चुनाव प्रचार पर मौसम की मार, उड़ान नहीं भर पा रहे नेताओं के हेलिकॉप्टर; कई रैलियां रद्द LPG Price 1 November 2025: LPG सिलेंडर के दाम घटे, बिहार चुनाव से पहले उपभोक्ताओं को मिली राहत Election 2025 Bihar : BJP के स्टार प्रचारक पवन सिंह मैदान में उतरे, पत्नी के लिए प्रचार करने के सवाल पर साधी चुप्पी; खेसारीलाल को लेकर दिया यह जवाब
1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Sun, 27 Jul 2025 01:27:23 PM IST
- फ़ोटो google
Bihar Politics: हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार सरकार के लघु जल संसाधन मंत्री डॉ. संतोष सुमन ने कहा है कि आजकल अपराध पर बयान देकर मीडिया की सुर्खियां बटोरने का फैशन हो गया है। अपराधियों को ताम झाम व गाजे बाजे के साथ पार्टी में शामिल कराने तथा अपराधियों के लिए मंच से 'जिंदाबाद' और 'अमर रहे' के नारे लगवाने के दौरान नैतिकता कहां चली जाती है?
संतोष सुमन ने कहा कि बिहार कब का संगठित व सत्ता संरक्षित अपराध की दुनियां से बाहर निकल गया है। संगठित अपराध के मामले में बिहार देश में 19वें स्थान पर है। महिलाओं व बच्चों के खिलाफ अपराध में राष्ट्रीय औसत से बिहार आधे पर है। अपराधियों को छुड़ाने व बचाने के लिए थानों में फोन करने की बातें गुजरे दिनों की हो गई हैं। हर आपराधिक घटना के खिलाफ त्वरित व कारगर कार्रवाई करने की पुलिस को खुली छूट मिली हुई है।
उन्होंने नसीहत देते हुए कहा है कि राजनैतिक दलों के नेताओं को बयानवीर बनने से पहले इन आंकड़ों व पुलिस की कार्रवाई को देखना चाहिए। अनर्गल बयानबाज़ी से राजनीति की विश्वसनीयता संकट में पड़ रही है। राजनीति की मूल पूंजी भरोसा है, वह अगर एक बार ख़त्म हो गई तो फिर कभी ऐसे दलों व नेताओं पर जनता विश्वास नहीं करेगी। गलत बातों व तथ्यों से जनता को एक बार भ्रमित किया जा सकता है, बार-बार नहीं, क्योंकि उसकी पारखी नजर सबकी खबर रखती है। जनता को बेवकूफ समझने की भूल ऐसे नेताओं को भारी पड़ेगी।
संतोष सुमन ने कहा कि कथनी और करनी के फर्क की वजह से भी राजनीति व राजनेताओं की विश्वसनीयता घटती जा रही है। क्या राजनैतिक दलों में यह हिम्मत है कि वह अपराध की चर्चा करने व सरकार को कोसने से पहले अपने दलों के अराजक व आपराधिक तत्वों को चिन्हित कर उन्हें अपने दल से निकाल बाहर करें? अपराधियों को पनाह देकर, अपराधियों से घिरे रह कर क्या थोथे बयान देकर मीडिया का कवरेज पा लेने मात्र से अपराध पर नियंत्रण सम्भव है? क्या अपराध पर प्रवचन देने वाले अपराधी चरित्र के लोगों को टिकट देने से परहेज करेंगे? अगर नहीं, तो फिर किस मुंह से बोलेंगे व जनता के बीच जाएंगे?