ब्रेकिंग न्यूज़

BIHAR: सीतामढ़ी में इंटर छात्र को सिर में गोली, हालत नाजुक, आपसी विवाद में चली गोली BIHAR: आर्थिक तंगी और बीमारी से परेशान पूर्व मुखिया ने पत्नी की गोली मारकर की हत्या, फिर खुद को भी मारी गोली Bihar News: बिहार को जल्द मिलेगा चौथा एयरपोर्ट, विधानसभा चुनाव से पहले पूर्णिया हवाई अड्डा से उड़ान भरने की तैयारी Bihar News: पटना को एक नई स्वास्थ्य सुविधा की सौगात, राज्यपाल ने मौर्या सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल का किया उद्घाटन Bihar Crime News: लंबे समय से फरार हार्डकोर महिला नक्सली अरेस्ट, पुलिस और बिहार STF का एक्शन Bihar Crime News: लंबे समय से फरार हार्डकोर महिला नक्सली अरेस्ट, पुलिस और बिहार STF का एक्शन Bihar Politics: ‘लालू-राबड़ी के राज में बिहार के आधा दर्जन चीनी मिलों में लटक गया था ताला’ मंत्री संतोष सुमन का आरजेडी पर बड़ा हमला Bihar Politics: ‘लालू-राबड़ी के राज में बिहार के आधा दर्जन चीनी मिलों में लटक गया था ताला’ मंत्री संतोष सुमन का आरजेडी पर बड़ा हमला BIHAR: फ्री में मटन नहीं देने पर दुकानदार को मारा चाकूा, 12 हजार कैश लूटकर फरार हुआ अपराधी Bihar Crime News: बिहार में शादी से पहले फरार हो गया दूल्हा, मंडप में इंतजार करती रह गई दुल्हन; थाने पहुंचा मामला

Bihar Politics: ‘लालू-राबड़ी के राज में बिहार के आधा दर्जन चीनी मिलों में लटक गया था ताला’ मंत्री संतोष सुमन का आरजेडी पर बड़ा हमला

Bihar Politics: लघु जल संसाधन मंत्री संतोष सुमन ने राजद-कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि लालू-राबड़ी शासनकाल में उत्तर बिहार की आधा दर्जन से अधिक चीनी मिलें बंद हो गई थीं।

1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Thu, 03 Jul 2025 06:14:14 PM IST

Bihar Politics

- फ़ोटो google

Bihar Politics: हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष और लघु जल संसाधन मंत्री डॉ. संतोष सुमन ने कहा है कि राजद-कांग्रेस के शासनकाल (1985-2005) के 20 वर्षों में उत्तर बिहार जो कभी 'चीनी का कटोरा' कहलाता था की आधा दर्जन चीनी मिलें एक-एक कर बंद हो गईं। जंगल राज में भय व दहशत से मिलरों व अन्य उद्योगपतियों का बड़ी संख्या में बिहार से पलायन हुआ।


संतोष सुमन ने कहा कि एक जमाने में उत्तर बिहार में 16 चीनी मिलें चलती थीं, उनमें से 7 लालू-राबड़ी के राज में बंद हुईं। मिलें बंद होने का असर न सिर्फ रोजगार पर पड़ा, बल्कि लाखों किसान नकदी फसल की खेती से अलग हो गए। पश्चिम चंपारण में नरकटियागंज, लौरिया, मझौलिया, चनपटिया, बगहा और रामनगर में कुल छह चीनी मिलें थीं। 


चनपटिया चीनी मिल वर्ष 1994 से बंद है। मधुबनी की लोहट चीनी मिल भी जंगल राज के दहशत के दौर में 1996 में जो बंद हुई, आज तक बंद है। मुजफ्फरपुर की मोतीपुर चीनी मिल में सन् 1997 से पेराई ठप हो गई। समस्तीपुर जिला मुख्यालय स्थित चीनी मिल में 1985 (कांग्रेस के शासनकाल) से ताला बंद है।


उन्होंने कहा कि लालू-राबड़ी राज में सबसे बुरी स्थिति मिथिलांचल की रही। कभी यहां की सकरी और रैयाम चीनी मिलों का नाम था। 1993 में सकरी और एक साल बाद 1994 में रैयाम में तालाबंदी हो गई। उन्होंने पूछा है कि राजद को बताना चाहिए कि यह किसका कार्यकाल था? पूर्वी चंपारण में भी ऐसा ही देखने को मिला। सात चीनी मिलें लालू-राबड़ी और कांग्रेस के राज में तालाबंदी का शिकार हुई।


मंत्री ने कहा कि राजद के दहशत भरे राज में अपराध, भ्रष्टाचार, फिरौती के लिए अपहरण और लूट-खसोट से जहां बिहार के लोग तबाह थे वहीं चीनी मिलों की बंदी ने लाखों गन्ना किसानों व मिलों में कार्यरत करीब एक लाख कामगारों के परिजनों को भुखमरी के गर्त में धकेल दिया। आज उसी राजद, कांग्रेस को उद्योग, पलायन, रोजगार व किसानों की बातें करते हुए शर्म भी नहीं आ रही है।