Bihar Politics: दिलीप जायसवाल का राहुल गांधी पर तीखा प्रहार, पिछड़ा सम्मेलन चुनावी नौटंकी

Bihar Politics: बिहार दौरे पर आए कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लेकर सियासत तेज हो गई है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने राहुल गांधी के पिछड़ा-अति पिछड़ा सम्मेलन को आड़े हाथों लेते हुए उन पर तीखा प्रहार किया है.

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 07 Jun 2025 11:12:06 AM IST

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बिहार की राजनीतिक - फ़ोटो google

Bihar Politics: बिहार दौरे पर आए कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लेकर सियासत तेज हो गई है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने राहुल गांधी के पिछड़ा-अति पिछड़ा सम्मेलन को आड़े हाथों लेते हुए उन पर तीखा प्रहार किया है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी का यह सम्मेलन केवल चुनावी भ्रम फैलाने का एक साधन है और उनकी मंशा पर सवाल उठाया।


दिलीप जायसवाल ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी और उनकी पार्टी ने 30 वर्षों तक मंडल कमीशन से जुड़ी रिपोर्ट दबाकर रखी, जबकि अब चुनाव के वक्त पिछड़ा, अति पिछड़ा, दलित और महादलित वर्ग के लोगों को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी का दोहरा चरित्र है। अपने शासन में इन वर्गों को कुछ नहीं दिया, और अब उनके नाम पर वोट की राजनीति कर रहे हैं।


राहुल गांधी की राजनीतिक यात्रा पर तंज कसते हुए दिलीप जायसवाल ने कहा "राहुल गांधी बचपन से लेकर 55 साल की उम्र तक बेरोजगार ही रहे। उन्हें जमीन की राजनीति की समझ नहीं है।" 


वहीं, जायसवाल ने राहुल गांधी की यात्राओं को कांग्रेस के पतन से जोड़ते हुए कहा “राहुल गांधी जहां-जहां गए, कांग्रेस वहां डूब गई। दिल्ली, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान इसका प्रमाण हैं। पिछड़ों को अगर किसी ने कुछ दिया है तो वो मोदी और नीतीश की सरकार है" भाजपा नेता ने कहा कि नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार की सरकार ने ही वास्तव में पिछड़े, अति पिछड़े, दलित और महादलित वर्गों के लिए काम किया है। उन्होंने केंद्र और राज्य की योजनाओं का हवाला देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना, जनधन योजना, हर घर नल योजना, और आरक्षण के विस्तार जैसे फैसले इन्हीं वर्गों के लिए वरदान साबित हुए हैं। 


तेजस्वी यादव द्वारा यह कहे जाने पर कि नीतीश कुमार अपने मंत्रियों को नहीं पहचानते, दिलीप जायसवाल ने पलटवार करते हुए कहा कि "नीतीश कुमार हमारे गार्जियन हैं, मार्गदर्शक हैं। वे हम लोगों को रोज़ क्लास देते हैं, दो-दो घंटे बैठकर चर्चा करते हैं। तेजस्वी को यह बात समझ में नहीं आएगी, क्योंकि वे राजनीति को केवल विरासत समझते हैं, सेवा नहीं।"