ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar News: CBI की विशेष अदालत में सृजन घोटाले का ट्रायल शुरू, पूर्व DM वीरेन्द्र यादव आरोप तय Bihar News: अब बिहार सरकार नहीं बनाएगी नेशनल हाईवे, निर्माण और मरम्मत का जिम्मा NHAI के हवाले Bihar News: बिहार-झारखंड के इन शहरों के बीच फिर होगा स्पेशल ट्रेन का परिचालन, यात्रियों के लिए बड़ी राहत Bihar News: पटना में युवक की आत्महत्या से मची सनसनी, जांच में जुटी पुलिस Bihar News: बिहार के 24 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी, बाढ़ का संकट और भी गहराया.. सहरसा में रुई के गोदाम में लगी भीषण आग, दमकल की 4 गाड़ियों ने पाया काबू अरवल में इनोवा कार से 481 लीटर अंग्रेज़ी शराब बरामद, पटना का तस्कर गिरफ्तार Bihar Crime News: कारोबारी की चाकू मारकर हत्या, गले और चेहरे पर 15 से अधिक वार; पैसों के विवाद में हत्या की आशंका Bihar Crime News: कारोबारी की चाकू मारकर हत्या, गले और चेहरे पर 15 से अधिक वार; पैसों के विवाद में हत्या की आशंका Bihar Crime News: बिहार में पेशी के दौरान कोर्ट कैंपस से कैदी फरार, पुलिस ने घर से दबोचा

Bhupesh Baghel: पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे के ठिकानों पर ED की रेड, एकसाथ 15 जगह छापेमारी से हड़कंप

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 10 Mar 2025 10:22:58 AM IST

Bhupesh Baghel

- फ़ोटो google

Bhupesh Baghel: छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है। ईडी की टीम पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे 15 ठिकानों पर एकसाथ छापेमारी की है। माना जा रहा है कि ईडी पूर्व सीएम के बेटे पर शिकंजा कस सकती है।


जानकारी के मुताबिक, ईडी की टीम ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल के ठिकानों पर छापेमारी की है। छत्तीसगढ़ में हुए शराब घोटाले में ईडी की जांच के दौरान पूर्व सीएम के बेटे चैतन्य का नाम सामने आया था। सुबह-सुबह पूर्व सीएम के बेटे के ठिकानों पर छापेमारी से हड़कंप मच गया है।


बता दें कि इस मामले में ईडी पहले भी बड़े एक्शन ले चुकी है। ईडी ने पिछले साल कई आरोपियों की 205.49 करोड़ रुपए की चल और अचल संपत्ति को जब्त कर चुकी है। साल 2017 में शराब खरीद और बिक्री के लिए CSMCL बनाई गई ती लेकिन सरकार बदलने के साथ ही यह सिंडिकेट के हाथ का खिलौना बन गया था।


आरोप है कि नियमों को ताक पर रखकर CSMCL के सभी कामों के टेंडर सिंडिकेट के लोगों को ही दिए जा रहे थे। सिंडिकेट ने इसमें बड़ा कमीशन कमाया जिसमें राजनीतिक दलों का भी हिस्सा था।