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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 06 Mar 2025 06:27:31 PM IST
प्रतीकात्मक तस्वीर - फ़ोटो Google
court of contempt: पटना हाईकोर्ट ने दरभंगा जिले के बिरौल स्थित कुशेश्वर धाम मंदिर के प्रबंधन के लिए न्यास समिति का गठन की प्रक्रिया पूरा नही होने पर दरभंगा के जिलाधिकारी (DM) से स्पष्टीकरण मांगा है। न्यायमूर्ति राजीव रॉय की एकलपीठ ने संतोष कुमार झा द्वारा दायर अवमानना याचिका पर सुनबाई के बाद ये निर्देश दिए |
दरअसल, 23 जुलाई 2023 को हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाया था, जिसमें बिहार के सभी सार्वजनिक हिंदू धार्मिक न्यासों के सही प्रबंधन और संरक्षण के वास्ते परमानेंट न्यास समिति के गठन संबंधी निर्देश दिए गए थे। यह निर्णय बिहार धार्मिक न्यास बोर्ड द्वारा किए गए कबूलनामा के आधार पर लिया गया था।
क्या कहता है हाईकोर्ट का आदेश?
हाईकोर्ट ने न्यास समिति के गठन के लिए 12 बिंदुओं पर आधारित दिशा-निर्देश दिए थे। इनमें स्पष्ट किया गया था कि न्यास समिति के सदस्य और पदाधिकारी बनने के इच्छुक व्यक्तियों को संबंधित जिलाधिकारी के पास आवेदन देना होगा। सभी आवेदकों का आपराधिक पृष्ठभूमि की स्क्रीनिंग किया जायेगा ,और केवल स्वच्छ छवि वाले लोगों की सूची बिहार धार्मिक न्यास बोर्ड भेजना होगा। इसी सूची के आधार पर न्यास समिति का गठन किया जाएगा।
कोर्ट में क्या हुई सुनवाई?
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता पंकज कुमार झा ने कोर्ट को बताया कि हाईकोर्ट द्वारा जारी किए गए निर्देशों का पालन नहीं किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि दरभंगा के जिलाधिकारी ने अब तक कुशेश्वर धाम न्यास समिति के गठन की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
साथ ही, यह भी सामने आया कि मंदिर के पूर्व न्यास समिति के अध्यक्ष उमेश कुमार भारती, कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में, मनमाने तरीके से न्यास समिति के लिए अभ्यर्थियों की सूची भेज रहे हैं। इसे कोर्ट ने प्रथम दृष्टया अवमानना मानते हुए उमेश कुमार भारती को नोटिस जारी करने का आदेश दिया है |
अब आगे क्या होगा?
कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई होली की छुट्टियों के बाद सुनबाई करने को तय किया है।सुनबाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से सरकारी अधिवक्ता प्रशांत प्रताप और बिहार धार्मिक न्यास बोर्ड की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गणपति त्रिवेदी ने अदालत के सामने अपना पक्ष प्रस्तुत किया |