Bihar News: बिहार के थानेदार समेत तीन पुलिसकर्मियों पर गिरी गाज, लापरवाही बरतने पर SP ने नाप दिया Bihar News: बिहार के थानेदार समेत तीन पुलिसकर्मियों पर गिरी गाज, लापरवाही बरतने पर SP ने नाप दिया CM नीतीश अपने 'बख्तियारपुर' में गंगा नदी की पुरानी धारा लौटायेंगे ! सरकार ने खोल रखा है खजाना...3427 लाख का खर्चा Joe Root: भारत के खिलाफ वर्ल्ड रिकॉर्ड से महज 2 कदम दूर रूट, स्टीव स्मिथ को इस मामले में छोड़ेंगे पीछे Bihar Rain Alert: लगातार आंधी-तूफान और तेज बारिश के लिए कमर कस लें, मौसम विभाग का डबल अलर्ट जारी Bihar News: रेरा बिहार का नया कदम, रजिस्टर्ड रियल एस्टेट एजेंट्स को मिलेगा QR कोड; पारदर्शिता होगी सुनिश्चित Bihar News: रेरा बिहार का नया कदम, रजिस्टर्ड रियल एस्टेट एजेंट्स को मिलेगा QR कोड; पारदर्शिता होगी सुनिश्चित Bihar Crime News: बिहार में 16 साल की प्रेग्नेंट लड़की की हत्या, संदिग्ध हालत में शव मिलने से सनसनी Bihar Crime News: बिहार में 16 साल की प्रेग्नेंट लड़की की हत्या, संदिग्ध हालत में शव मिलने से सनसनी सात फेरों से पहले प्रेमी संग भागी दुल्हन, छोटी बहन से कराई गई शादी
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 09 Jun 2025 08:43:28 AM IST
बिहार की राजनीतिक - फ़ोटो google
Bihar Politics: बिहार के नेता प्रतिपक्ष और राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री तेजस्वी यादव ने 65% आरक्षण लागू करने के विषय में भेजे गए अपने पत्र का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से जवाब नहीं मिलने पर गहरा विरोध जताया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि या तो मुख्यमंत्री के पास इसका कोई जवाब नहीं है या फिर वे जान-बूझकर जवाब देने से बच रहे हैं। तेजस्वी यादव ने यह भी सवाल उठाया कि क्या अधिकारी उन्हें उनका पत्र दिखाने से भी रोकते हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा, "सामाजिक न्याय का ढोल पीटने वाले वे दल, जिनके बलबूते पर केंद्र में मोदी सरकार बनी हुई है, हमारी सरकार द्वारा बढ़ाई गई 65% आरक्षण सीमा को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल कराने में असफल क्यों हैं? मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान, पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी, तथा उपेंद्र कुशवाहा जैसे नेताओं को दलित, आदिवासी, पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्गों की इस हकमारी के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करनी चाहिए। राजनीति केवल कुर्सी पर बने रहने का नाम नहीं है।"
तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर ये नेता प्रधानमंत्री से इस मांग को पूरा कराने में असमर्थ हैं, तो यह उनकी राजनीति के लिए एक धिक्कार है। उन्होंने आगे कहा, "अगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के समक्ष इस विषय पर बोलने में असमर्थ हैं, तो उन्हें विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाना चाहिए। तब हम मिलकर इसे लागू कराने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएंगे।"
उन्होंने कहा कि 65% आरक्षण लागू होना दलित, आदिवासी, पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग के लिए एक महत्वपूर्ण अधिकार है, जो सामाजिक न्याय और समानता की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि होगी। इसके बिना सामाजिक असमानता को दूर करना संभव नहीं है।
बिहार सरकार ने पिछड़े, अति पिछड़े, दलित एवं आदिवासी वर्गों के लिए आरक्षण को बढ़ाकर 65% करने की पहल की है, जो कि वर्तमान 50% सीमा को पार करता है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट की 50% आरक्षण की सीमा के कारण इसे लागू करना जटिल हो गया है। ऐसे में इस आरक्षण को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल कर सुप्रीम कोर्ट की समीक्षा से बाहर रखना आवश्यक बताया जा रहा है। इस मामले में केंद्र सरकार का सहयोग मिलना अनिवार्य है।
राजद और अन्य विपक्षी दल इस मुद्दे को विधानसभा में जोर-शोर से उठाने के लिए तैयार हैं। वे केंद्र सरकार और बिहार सरकार दोनों से जल्द इस मामले में स्पष्टता और कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।