Bihar News: बिहार के इन तीन स्टेशनों पर खुलेंगे गति शक्ति कार्गो टर्मिनल, यहां के लोगों को मिलेंगे रोजगार के अवसर Bihar News: बिहार के इन तीन स्टेशनों पर खुलेंगे गति शक्ति कार्गो टर्मिनल, यहां के लोगों को मिलेंगे रोजगार के अवसर Tejashwi Yadav: तेजस्वी यादव की क्या है पांच बड़ी मांगें...वंचितों के लिए सामाजिक न्याय की नई परिभाषा या महज़ चुनावी चाल? Pahalgam Attack: आर्मी और नेवी प्रमुख से मीटिंग के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले एयर चीफ मार्शल, क्या होने वाला है? Pahalgam Attack: आर्मी और नेवी प्रमुख से मीटिंग के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले एयर चीफ मार्शल, क्या होने वाला है? Seema Haider Attacked: सीमा हैदर को जान से मारने की कोशिश, आरोपी गिरफ्तार Bihar Crime News: छतिया में छह गोली ठोक देवेले.. हथियार लहराते लड़कों का वीडियो हुआ वायरल Heshel: अरिजीत सिंह के रेस्टोरेंट में मिलता है 40₹ में भरपेट भोजन? आख़िरकार हकीकत आ ही गई सामने Methi Water Side Effects: इन 5 लोगों को भूलकर भी नहीं पीना चाहिए मेथी का पानी, फायदा तो नहीं उल्टा हो जाएगा नुकसान Salary vs pension: सरकारी वेतन नहीं, अब पेंशन बन गई सबसे बड़ी जिम्मेदारी! 8वें वेतन आयोग पर सवाल?
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 04 May 2025 11:31:14 AM IST
chankya niti tips - फ़ोटो Google
Degree vs wisdom: आज के आधुनिक युग में शिक्षा को सबसे बड़ा हथियार माना जाता है। हर व्यक्ति पढ़ा-लिखा होकर न केवल अपने जीवन को बेहतर बनाना चाहता है, बल्कि समाज और देश के विकास में भी योगदान देने की कोशिश करता है। लेकिन आचार्य चाणक्य की नीति के अनुसार, केवल डिग्री हासिल करना ही बुद्धिमत्ता की पहचान नहीं है। कुछ लोग शिक्षित होने के बावजूद भी समाज में 'मूर्ख' की श्रेणी में रखे जाते हैं।
आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति में स्पष्ट किया है कि ज्ञान का सही उपयोग, अहंकार से बचाव, व्यावहारिक समझ, अनुशासन, और ज्ञान का सदुपयोग – ये सभी गुण किसी शिक्षित व्यक्ति को सम्मान दिलाते हैं। इनका अभाव व्यक्ति को समाज में उपहास का पात्र बना सकता है।
जब पढ़ाई व्यर्थ हो जाए
चाणक्य के अनुसार, कुछ लोग अपनी पढ़ाई का सही समय और स्थान पर उपयोग नहीं कर पाते। ऐसे लोग शिक्षित होने के बावजूद जीवन में पिछड़ जाते हैं। उनकी शिक्षा केवल डिग्रियों तक सीमित रह जाती है और व्यवहारिक जीवन में वे असफल साबित होते हैं।
ज्ञान का अहंकार ले डूबता है
आचार्य कहते हैं कि जो व्यक्ति अपने ज्ञान पर घमंड करता है, वह समाज में सम्मान नहीं पाता। ऐसे लोगों को समाज में घमंडी और अव्यवहारिक समझा जाता है।
व्यवहारिक ज्ञान की अनदेखी
किताबी ज्ञान जीवन में सफलता नहीं दिला सकता जब तक व्यक्ति के पास व्यवहारिक समझ न हो। जो व्यक्ति समय की मांग के अनुसार निर्णय नहीं ले पाता, वह चाणक्य नीति के अनुसार मूर्ख की श्रेणी में आता है।
अनुशासन की कमी बनती है बाधा
शिक्षा प्राप्त करने के बाद भी यदि कोई व्यक्ति अनुशासनहीन हो जाए, तो उसकी पढ़ाई-लिखाई का कोई महत्व नहीं रह जाता। ऐसे व्यक्ति को समाज में गंभीरता से नहीं लिया जाता।
ज्ञान का दुरुपयोग विनाश का कारण
चाणक्य नीति में स्पष्ट चेतावनी दी गई है कि यदि कोई व्यक्ति अपने ज्ञान का उपयोग केवल स्वार्थ के लिए करता है और समाज की उपेक्षा करता है, तो उसका ज्ञान व्यर्थ है। ऐसे लोग न तो सम्मान पाते हैं और न ही जीवन में सच्ची सफलता।
Disclaimer: यह रिपोर्ट चाणक्य नीति में वर्णित सिद्धांतों और पारंपरिक मान्यताओं पर आधारित है। First Bihar Jharkhand इसकी स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं करता है।