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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 15 Jan 2025 08:11:21 PM IST
Sakat Festival - फ़ोटो Sakat Festival
Sakat Festival: वैदिक पंचांग के अनुसार, माघ माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर सकट चौथ का व्रत किया जाता है। यह व्रत विशेष रूप से माताओं द्वारा अपनी संतान के उज्ज्वल भविष्य और अच्छे स्वास्थ्य की कामना के लिए रखा जाता है। इस व्रत का पारण चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद किया जाता है, और इसे निर्जला रखने का विधान है। आइए, सकट चौथ व्रत से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियां जानते हैं।
सकट चौथ का शुभ मुहूर्त
माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का प्रारंभ:
17 जनवरी 2025, प्रातः 04:06 मिनट
तिथि का समापन:
18 जनवरी 2025, प्रातः 05:30 मिनट
चंद्रोदय का समय:
रात 09:09 मिनट
व्रत का महत्व और विधि
सकट चौथ का व्रत गणेश जी को समर्पित है। इस दिन व्रत रखने से समस्त बाधाएं दूर होती हैं और संतान की समृद्धि व स्वास्थ्य में वृद्धि होती है। व्रत की प्रक्रिया इस प्रकार है:
प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
गणेश जी की मूर्ति के सामने दीप प्रज्वलित करें।
तिल, गुड़ और शकरकंद का भोग लगाएं।
चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत का पारण करें।
पानी पीने का नियम
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सकट चौथ का व्रत निर्जला रखा जाता है। व्रत के दौरान जल ग्रहण करना निषेध है। हालांकि, फलाहार करने की अनुमति है। फलाहार में आप तिल, गुड़, मूंगफली और शकरकंद का सेवन कर सकते हैं। यह व्रत कठिन होते हुए भी विशेष फलदायक माना गया है।
गणेश जी को अर्पित करें यह भोग
सकट चौथ के दिन गणेश जी को तिल से बने व्यंजनों का भोग लगाना अत्यंत शुभ माना गया है। विशेष रूप से तिलकुट या तिल से बनी मिठाई अर्पित करना चाहिए। ऐसा करने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं और साधक को उनकी कृपा प्राप्त होती है।
ध्यान रखने योग्य बातें
व्रतधारी को काले रंग के वस्त्र धारण नहीं करने चाहिए। इसे अशुभ माना जाता है।
चंद्रमा को अर्घ्य देते समय इस बात का ध्यान रखें कि पानी के छींटे आपके पैरों पर न गिरें।
पूरे दिन संयमित और पवित्रता से व्रत का पालन करें।
सकट चौथ का व्रत संतान के सुख-समृद्धि और परिवार की खुशहाली के लिए महत्वपूर्ण है। इस दिन गणेश जी की पूजा, तिल से बने भोग, और चंद्रमा को अर्घ्य देना विशेष रूप से शुभ होता है। धार्मिक विधियों का पालन करके व्रत करने से मनोकामनाएं अवश्य पूर्ण होती हैं।