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Jagannath Rath Yatra 2025: 27 जून से शुरू होगी भगवान जगन्नाथ की दिव्य यात्रा, जानें महत्त्व और खास बातें

हर साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा बड़े ही धूमधाम से निकाली जाती है। इस वर्ष यह यात्रा 27 जून 2025 को शुरू होगी।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 05 Jan 2025 08:30:03 AM IST

Jagannath Rath Yatra 2025

Jagannath Rath Yatra 2025 - फ़ोटो Jagannath Rath Yatra 2025

Jagannath Rath Yatra 2025:  हिंदू धर्म में आषाढ़ माह की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि का बहुत ही खास महत्व है, क्योंकि इस दिन भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा (Jagannath Rath Yatra) का आयोजन किया जाता है। 2025 में जगन्नाथ रथ यात्रा की शुरुआत 27 जून से होगी, जब लाखों भक्त भगवान जगन्नाथ के रथ के साथ शहर भर में उनका दर्शन करेंगे। यह यात्रा विशेष रूप से पुरी, ओडिशा में बड़े धूमधाम से मनाई जाती है, जहां तीन रथों पर भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र विराजमान होते हैं।


रथ यात्रा का इतिहास और धार्मिक महत्त्व

पौराणिक मान्यता के अनुसार, एक बार भगवान जगन्नाथ की बहन सुभद्रा ने नगर भ्रमण की इच्छा जताई थी। भगवान जगन्नाथ ने अपनी बहन को रथ पर बैठाकर नगर का भ्रमण कराया। इस दौरान भगवान ने अपनी बहन को अपनी मौसी के घर भी भेजा और वहीं सात दिन तक रुकने का आदेश दिया। यही कारण है कि तब से प्रत्येक साल भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा का आयोजन किया जाता है। रथ यात्रा के दौरान लोग भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने के लिए उनके रथ को खींचने में भाग लेते हैं, जिससे उन्हें पापों से मुक्ति मिलती है और भगवान विष्णु तथा माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।


रथ यात्रा के रथ और उनकी विशेषताएँ

रथ यात्रा के दौरान तीन रथ चलते हैं:

भगवान जगन्नाथ का रथ: यह रथ पीला या लाल रंग का होता है।

भगवान बलराम का रथ: यह रथ लाल रंग का होता है।

माँ सुभद्रा का रथ: यह भी लाल रंग का होता है।

इन रथों को विशेष रूप से शास्त्रों के अनुसार तैयार किया जाता है। रथों में कील का प्रयोग नहीं किया जाता है, क्योंकि शास्त्रों के अनुसार आध्यात्मिक कार्यों में कील या कांटे का उपयोग अशुभ माना जाता है। रथों की सजावट और उनकी विशेषता भक्तों में उत्साह और श्रद्धा का संचार करती है।


रथ यात्रा का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व

रथ यात्रा में भाग लेना और भगवान जगन्नाथ के दर्शन करना व्यक्ति के जीवन के लिए अत्यधिक पुण्यदायक माना जाता है। माना जाता है कि इस रथ यात्रा में शामिल होने से पाप समाप्त हो जाते हैं और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके अलावा, रथ को खींचने से सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस यात्रा में लोग अपनी भक्ति को भगवान के चरणों में समर्पित करते हैं और इसे एक बड़े धार्मिक और आध्यात्मिक आयोजन के रूप में मनाते हैं।


कैसे करें रथ यात्रा में शामिल होने का आयोजन?

रथ यात्रा का आयोजन बड़े धूमधाम से किया जाता है। भगवान जगन्नाथ के रथ को खींचने के लिए बड़ी संख्या में भक्त एकत्र होते हैं। भक्त रथ के पास जाकर अपनी श्रद्धा और भक्ति से रथ को खींचते हैं, ताकि उन्हें भगवान का आशीर्वाद मिल सके। इस दिन शहर भर में विशेष धार्मिक आयोजन होते हैं, जिनमें गंगा स्नान, भजन कीर्तन, और सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल होते हैं।


रथ यात्रा के महत्व का संपूर्ण अनुभव

जगन्नाथ रथ यात्रा न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह समाज में एकता, सामूहिकता और भाईचारे का संदेश भी देती है। यह भक्तों को उनके धार्मिक कर्तव्यों की याद दिलाती है और जीवन में आध्यात्मिक जागरूकता लाने का कार्य करती है। रथ यात्रा में शामिल होने से व्यक्ति को न केवल पुण्य की प्राप्ति होती है, बल्कि उसका मन भी भगवान की भक्ति में समर्पित हो जाता है। इसलिए, 2025 की जगन्नाथ रथ यात्रा में शामिल होकर आप भी भगवान जगन्नाथ के आशीर्वाद और पुण्य का अनुभव कर सकते हैं।