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Makar Sankranti 2025: मकर संक्रांति पर 19 साल बाद अद्भुत संयोग, महापुण्यकाल में लगाएं आस्था की डुबकी

Makar Sankranti 2025: आज मकर संक्रांति का त्योहार पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. मकर संक्रांति पर 19 साल बाद अद्भुत संयोग बन रहा है. आज महापुण्यकाल में आस्था की डुबकी शुभ फलदायी होगी.

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 14 Jan 2025 07:13:36 AM IST

Makar Sankranti

मकर संक्रांति पर अद्भुत संयोग - फ़ोटो google

Makar Sankranti 2025: आज मकर संक्रांति का त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। मकर संक्रांति के मौके पर 19 साल के बाद अद्भुत संयोग बनने जा रहा है। आज माघ माह की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि है। मकर संक्रांति पर सबसे पहले पुनर्वसु नक्षत्र का संयोग बन रहा है। इशके बाद पुष्य नक्षत्र का शुभ संयोग है।


दरअसल, सूर्य जब धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो उस दिन मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जाता है। सूर्यदेव मंगलवार की सुबह 9:03 बजे धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करेंगे। इस बार मकर संक्रांति का पुण्यकाल मुहूर्त  14 जनवरी को सुबह 9:03 बजे से शुरू होगा। पुण्यकाल के दौरान गंगा स्नान और दान करने का विशेष महत्व होता है।


जानकारों के मुताबिक, आज पुष्य नक्षत्र का अति शुभ संयोग बन रहा है। इसके स्वामी शनिदेव हैं। इस दौरान किए गए दान से शनि प्रसन्न होते हैं। वहीं मकर संक्रांति के दिन महादेश कैलाश पर माता पार्वती के साथ विराजमान रहेंगे, जिसे शिववास योग कहा जाता है। इस दिन किसी भी समय भगवान शिव का जलाभिषेक एवं पूजा शुभ फलदायी होगा। मकर संक्रांति के दिन पुण्यकाल और महापुण्य काल में स्नान दान का भी खास महत्व है।


पंचाग के मुताबिक, मंगलवार को पुण्य काल सुबह 9:03 बजे से शाम 5:46 बजे तक है जबकि पुण्य काल का समय सुबह 9:03 बजे से 10:48 तक है। मकर संक्रांति के दिन काले तिल का दान काफी शुभ माना जाता है। माना जाता है कि मकर संक्रांति के दिन काला तिल दान करने से शनि के अशुभ प्रभावों से राहत मिलती है और सूर्यदेव का आशीर्वाद लोगों को प्राप्त होता है।