1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 01 Aug 2025 02:46:12 PM IST
प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google
Bihar Teacher News: बिहार के भागलपुर में सड़क हादसों में स्कूली बच्चों की बढ़ती मौतों ने शिक्षा विभाग को अलर्ट मोड में ला दिया है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के आँकड़ों के अनुसार देश में सड़क हादसों में मरने वालों में 10% स्कूली बच्चे हैं, जिसके चलते शिक्षा विभाग ने स्कूलों में सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान शुरू करने का फैसला किया है। इस अभियान के तहत प्रत्येक सरकारी और निजी स्कूल में एक नोडल शिक्षक नियुक्त होगा, जो बच्चों को सड़क सुरक्षा के नियम और बचाव के उपाय सिखाएगा।
शिक्षकों को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा तैयार ई-लर्निंग मॉड्यूल के जरिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसमें इंस्टीट्यूट ऑफ रोड ट्रैफिक एजुकेशन की तकनीकी मदद ली जाएगी जो APSc-32 और APSc-063 पाठ्यक्रमों के तहत सुरक्षा, स्वास्थ्य और ट्रैफिक नियमों की जानकारी प्रदान करेगा। यह अभियान स्कूलों में सड़क सुरक्षा गीत और लघु फिल्मों के माध्यम से बच्चों को जागरूक करेगा।
भागलपुर में हाल के वर्षों में सड़क हादसों में स्कूली बच्चों की मौत की कई घटनाएँ सामने आई हैं। 28 अप्रैल को नाथनगर प्रखंड के रसीदपुर दियारा में ट्रैक्टर पलटने से एक बच्चे की मौत हो गई थी और आधा दर्जन घायल हुए थे। 11 जुलाई को पाँच साल की बच्ची बेबी कुमारी को तेज रफ्तार बाइक ने कुचल दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। दिसंबर 2024 में लोदीपुर बाईपास के पास छठी कक्षा के दो बच्चों रक्षित वर्मा और बबलू कुमार की सड़क हादसे में जान चली गई।
2022 में तिलकामांझी थाना क्षेत्र में एक स्कूली वैन को ट्रक ने टक्कर मार दी, जिसमें माउंट असीसि के तीन बच्चे घायल हुए और 27 जुलाई 2022 को रंगरा थाना क्षेत्र में मैजिक और ट्रैक्टर की टक्कर में 10 स्कूली बच्चे गंभीर रूप से जख्मी हो गए। इन घटनाओं ने स्कूल परिवहन की सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं। साथ ही निजी स्कूलों में ओवरलोडिंग, बिना सीट बेल्ट और असुरक्षित ड्राइवरों की समस्या आम है।
इस अभियान के तहत स्कूलों के पास सेफ जोन बनाए जाएँगे, जहाँ वाहनों की गलत गतिविधियों पर सख्ती की जाएगी। निजी स्कूलों के परिवहन साधनों में ओवरलोडिंग, सीट बेल्ट की कमी और ट्रैफिक नियमों की अनदेखी को रोकने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। शिक्षकों को ई-लर्निंग मॉड्यूल के जरिए स्कूल बसों में बच्चों को सुरक्षित चढ़ाने-उतारने, ट्रैफिक नियमों का पालन और आपात स्थिति में प्राथमिक उपचार की जानकारी दी जाएगी।
सड़क सुरक्षा गीत और लघु फिल्मों के माध्यम से बच्चों को जागरूक किया जाएगा ताकि वे पैदल चलते समय, साइकिल चलाते समय या बस में सफर करते समय सावधानी बरतें। परिवहन विभाग के अपर मुख्य सचिव ने सभी जिला पदाधिकारियों और जिला शिक्षा पदाधिकारियों को इस अभियान को लागू करने के निर्देश दिए हैं।