BIHAR: बिजली टावर पर चढ़ा बुजुर्ग, हाईटेंशन तार पर लटकने के बाद खेत में गिरा, बाल-बाल बची जान Bihar News: बिहार में शांतिपूर्ण चुनाव को लेकर प्रशासन सतर्क, शिवहर में SSB जवानों ने किया फ्लैग मार्च Bihar News: बिहार में शांतिपूर्ण चुनाव को लेकर प्रशासन सतर्क, शिवहर में SSB जवानों ने किया फ्लैग मार्च Bihar Politics: चिराग पासवान ने जीजा अरुण भारती को सौंपी बिहार की कमान, दे दी यह बड़ी जिम्मेवारी Bihar Politics: चिराग पासवान ने जीजा अरुण भारती को सौंपी बिहार की कमान, दे दी यह बड़ी जिम्मेवारी Bihar Politics: छठ महापर्व को लेकर रेलवे का बड़ा फैसला, बिहार के लिए चलेंगी 12 हजार स्पेशल ट्रेनें; सम्राट चौधरी ने जताया आभार Bihar Politics: छठ महापर्व को लेकर रेलवे का बड़ा फैसला, बिहार के लिए चलेंगी 12 हजार स्पेशल ट्रेनें; सम्राट चौधरी ने जताया आभार Bihar Politics: महागठबंधन में मुकेश सहनी ने किया उपमुख्यमंत्री पद पर दावा, बोले- तेजस्वी सीएम, मैं डिप्टी सीएम बनूंगा Bihar Politics: महागठबंधन में मुकेश सहनी ने किया उपमुख्यमंत्री पद पर दावा, बोले- तेजस्वी सीएम, मैं डिप्टी सीएम बनूंगा बिहार सरकार ने दिवाली की छुट्टी की तारीख बदली, अब इस दिन रहेगा सरकारी अवकाश
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 07 Sep 2025 09:56:27 AM IST
पितृपक्ष महासंगम-2025 - फ़ोटो GOOGLE
Pind Daan in Gaya: विष्णु नगरी गया जी में पितृपक्ष महासंगम-2025 का शुभारंभ शनिवार शाम को हो गया। पितरों के मोक्ष की कामना के लिए देश-विदेश से पिंडदानियों का आगमन शुरू हो चुका है। 17 दिनों तक चलने वाले इस महाकुंभ में लाखों श्रद्धालु भाग लेंगे।
शनिवार को पटना जिले के पुनपुन घाट पर हजारों श्रद्धालुओं ने तर्पण कर अपने पूर्वजों के मोक्ष की कामना की। जो यात्री पुनपुन नहीं जा सके, उन्होंने गया शहर के गोदावरी तालाब में धार्मिक कर्मकांड संपन्न किए। रविवार से श्रद्धालु फल्गु नदी में स्नान और तर्पण कर देवघाट पर पिंडदान करेंगे। इसके बाद वे गजाधर विष्णु और विष्णुपद मंदिर के गर्भगृह में स्थित विष्णुचरण का दर्शन-पूजन करेंगे।
विष्णुपद परिसर में शनिवार शाम राज्य सरकार के मंत्री प्रेम कुमार, डॉ. सुनील कुमार, संजय सरावगी और राजू कुमार सिंह ने पितृपक्ष मेले का औपचारिक उद्घाटन किया। इस अवसर पर प्रशासन ने बताया कि इस बार तीर्थयात्रियों के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं।
गांधी मैदान में बनी टेंट सिटी में श्रद्धालुओं के ठहरने, भोजन की व्यवस्था के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम और भजन संध्या का आयोजन होगा। पिंडदान ऐप के जरिए श्रद्धालु सीधे अधिकारियों से संपर्क कर अपनी शिकायत दर्ज करा सकेंगे। भीड़ नियंत्रण के लिए बड़ी संख्या में दंडाधिकारी और पुलिस बल तैनात हैं। फल्गु नदी की सफाई के लिए इस बार थ्रैस वोट तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है। रबर घाट पर स्थायी पंडाल और विष्णुपद मंदिर परिसर में महावीर ट्रस्ट की ओर से विष्णु रसोई की व्यवस्था है।
पिछले वर्ष करीब 22 लाख श्रद्धालु गया जी पहुंचे थे। इस बार कई राज्यों में बाढ़ की वजह से संख्या में कुछ कमी की संभावना जताई जा रही है। फिर भी पहले दिन लगभग 40 हजार पिंडदानी गया पहुंचे। हर साल की तरह इस बार भी रूस, श्रीलंका, नेपाल, मलेशिया, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, फ्रांस, केन्या, मॉरीशस सहित कई देशों से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। इससे गया का पितृपक्ष मेला एक अंतरराष्ट्रीय आयोजन बन गया है।
धार्मिक मान्यताएँ और तिथियाँ
भाद्रपद पूर्णिमा (रविवार): श्रद्धालु फल्गु में स्नान कर तर्पण करेंगे और खीर के पिंड से पिंडदान की शुरुआत करेंगे।
आश्विन कृष्ण पक्ष प्रतिपदा (दूसरा दिन): श्रद्धालु प्रेतशिला, ब्रह्मकुंड, रामशिला और काकबली पर पिंडदान करेंगे।
आश्विन कृष्ण अमावस्या (21 सितंबर): अक्षयवट पर पिंडदान की विशेष परंपरा निभाई जाएगी।
आश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा (22 सितंबर): गायत्री घाट पर नाना-नानी का पिंडदान और गयापाल से सुफल लेकर त्रिपाक्षिक गयाश्राद्ध संपन्न होगा।
शनिवार से पुनपुन नदी घाट पर भी अंतरराष्ट्रीय पितृपक्ष मेला शुरू हो गया। पहले दिन लगभग दो हजार श्रद्धालुओं ने पिंडदान किया। मान्यता है कि भगवान श्रीराम ने अपने पिता राजा दशरथ का पहला पिंडदान माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ पुनपुन नदी पर किया था। तभी से पुनपुन घाट पर पहला पिंडदान करने की परंपरा चली आ रही है। इस बार मेला प्रशासन ने श्रद्धालुओं के लिए ऑनलाइन गाइड मैप, होटल-धर्मशाला बुकिंग जानकारी, और हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं, ताकि किसी को असुविधा न हो।