Bihar Politics: जहानाबाद में सुदय यादव के खिलाफ अल्पसंख्यक समाज में खोला मोर्चा , नए उम्मीदवार की मांग हुई तेज

Bihar Politics: जहानाबाद में विधायक सुदय यादव के खिलाफ अल्पसंख्यक समाज में नाराजगी बढ़ी। समाज ने नए उम्मीदवार की मांग उठाई और नेतृत्व परिवर्तन की बात कही।

1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Tue, 09 Sep 2025 01:08:53 PM IST

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- फ़ोटो Reporter

Bihar Politics: जहानाबाद विधानसभा क्षेत्र में विधायक सुदय यादव के खिलाफ विरोध की आवाज अब और व्यापक हो गई है। आज ताज रेस्ट हाउस, जहानाबाद में अल्पसंख्यक समाज की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता मोहम्मद इकबाल लीडर ने की। बैठक में क्षेत्र के अनेक मुस्लिम भाइयों, युवाओं, महिलाओं, बुजुर्गों और समाज के जागरूक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक का मुख्य उद्देश्य वर्तमान विधायक द्वारा अल्पसंख्यक समाज की लगातार उपेक्षा और उनके विकास कार्यों में बाधा डालने की स्थिति को सामने लाना था।


बैठक में मौजूद समाज के प्रतिनिधियों ने अपनी पीड़ा साझा करते हुए कहा कि पिछले आठ वर्षों से सुदय यादव जहानाबाद का नेतृत्व कर रहे हैं, लेकिन उनके कार्यकाल में न तो शिक्षा, न स्वास्थ्य, न रोजगार और न ही बुनियादी सुविधाओं पर कोई ठोस कार्य हुआ। समाज के सबसे कमजोर वर्गों की आवाज दबा दी गई, उनकी समस्याओं की अनदेखी की गई और संकट के समय किसी भी स्तर पर साथ खड़ा होने वाला नेतृत्व नहीं मिला।


अल्पसंख्यक समाज के नेताओं ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि हमारा अधिकार छीना गया है, हमारी समस्याओं को नजरअंदाज किया गया है। यह स्थिति अब असहनीय हो चुकी है। हम माननीय लालू प्रसाद यादव और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव से आग्रह करते हैं कि यदि सुदय यादव को फिर से टिकट दिया गया तो समाज के हर वर्ग में असंतोष फैल चुका है। मजबूर होकर हम नए विकल्प की तलाश करेंगे।


बैठक में समाज के लोगों ने यह भी कहा कि जहानाबाद को अब नए नेतृत्व की आवश्यकता है। ऐसा नेतृत्व चाहिए जो जनता के सुख-दुख में साथ खड़ा हो, समाज की असली समस्याओं को समझे और विकास के कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाए। हम नेतृत्व से निवेदन करते हैं कि टिकट ऐसे व्यक्ति को दिया जाए जो समाज के हर वर्ग से जुड़कर समाधान प्रदान करे।


बैठक में शामिल महिलाओं ने कहा कि हमने अपने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की आशा में कई बार इंतजार किया, लेकिन हर बार निराशा हाथ लगी। अब बदलाव जरूरी है। शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और रोज़गार जैसे मुद्दों पर काम करने वाला नेतृत्व चाहिए। युवाओं ने भी अपनी नाराजगी जताई और कहा कि हम रोज़गार, शिक्षा और सुरक्षित वातावरण की मांग कर रहे हैं। पिछले वर्षों में सिर्फ वादे और झूठे आश्वासन दिए गए। अब हम जाग चुके हैं और बदलाव के लिए संघर्ष करने को तैयार हैं।


इस बैठक में समाज की भावना पूरी तरह स्पष्ट हो गई। अल्पसंख्यक समाज ने एकजुट होकर यह निर्णय लिया कि वह अपने अधिकारों और सम्मान से किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करेगा। आने वाले विधानसभा चुनाव में बदलाव लाने के लिए समाज संगठित होकर आवाज उठाएगा।


अंत में बैठक के संयोजकों ने कहा कि हम अपने शीर्ष नेतृत्व से विनती करते हैं कि टिकट का निर्णय जनभावना और समाज की वास्तविक जरूरतों को ध्यान में रखकर लिया जाए। जहानाबाद में नया नेतृत्व लाकर हर वर्ग को साथ लेकर चलने का अवसर दिया जाए। यह चुनाव सिर्फ एक राजनीतिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि समाज और क्षेत्र के भविष्य का निर्णायक मोड़ है। इस बैठक में मोहम्मद खुदबुद्दीन, मोहम्मद कारी शमशाद, मोहम्मद अली, मोहम्मद इकबाल लीडर, मोहम्मद हाफ़िज़ नदीम और मोहम्मद जावेद सहित कई अन्य लोग मौजूद रहें।