Bihar News: न्याय या समझौता? दुष्कर्म के आरोपी ने जेल में की पीड़िता से शादी, जानें... पूरी खबर

Bihar News: बिहार के मधुबनी से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां दुष्कर्म के आरोपी और पीड़िता की शादी जेल के भीतर संपन्न कराई गई है। दरअसल, एक साल पहले पीड़िता ने महिला थाने में आरोपित के खिलाफ दुष्कर्म का केस दर्ज कराया था।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 03 Sep 2025 09:58:36 AM IST

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Bihar News: बिहार के मधुबनी से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां दुष्कर्म के आरोपी और पीड़िता की शादी जेल के भीतर संपन्न कराई गई है। दरअसल, एक साल पहले पीड़िता ने महिला थाने में आरोपित के खिलाफ दुष्कर्म का केस दर्ज कराया था। यह मामला वर्तमान में एडीजे प्रथम की अदालत में विचाराधीन है। आरोपी की जमानत याचिका पहले जिला अदालत से खारिज हो चुकी थी, जिसके बाद उसने पटना उच्च न्यायालय का रुख किया।


आरोपी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि वह और पीड़िता के बीच समझौता हो चुका है और दोनों के बीच अच्छे संबंध हैं। इसके बाद हाईकोर्ट ने मामले की गहन जांच के लिए एडीजे कोर्ट को निर्देश दिया कि वे दोनों के संबंधों और साथ रहने की सच्चाई का सत्यापन करें। इसी प्रक्रिया के दौरान आरोपी और पीड़िता ने कोर्ट से जेल में शादी की अनुमति मांगी क्योंकि आरोपी जेल में बंद है और पीड़िता बाहर।अदालत ने हाईकोर्ट के निर्देशानुसार इस याचिका को मंजूरी दी और मंगलवार को मंडल कारा जेल परिसर में दोनों की शादी संपन्न हुई। शादी के दौरान दोनों पक्षों के वकील भी मौजूद थे। मंडल कारा के जेल अधीक्षक ओम प्रकाश शांति भूषण ने बताया कि यह शादी एडीजे प्रथम की अदालत के आदेशानुसार कराई गई है। इस विवाह के साक्ष्य भी न्यायालय में पेश किए जाएंगे।


यह मामला सामाजिक और कानूनी दृष्टिकोण से काफी विवादित माना जा रहा है। जहां एक ओर यह शादी एक समझौते के रूप में देखी जा रही है, वहीं दूसरी ओर इससे जुड़ी नैतिक और न्यायिक सवाल भी उठ रहे हैं। दुष्कर्म के गंभीर आरोपों के बीच इस तरह की शादी कानून और समाज के लिए नए सवाल खड़े कर रही है कि क्या पीड़िता की सहमति पूरी तरह स्वतंत्र और दबाव-मुक्त थी या नहीं।


यह पहली बार है जब उच्च न्यायालय के निर्देश पर इस प्रकार की अनुमति मिली है। स्थानीय लोगों में भी इस मामले को लेकर मिक्स प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं, कुछ इसे दोनों पक्षों के बीच बेहतर समझौते के रूप में देख रहे हैं, जबकि कई इसे न्याय व्यवस्था और सामाजिक नैतिकता के लिए चुनौती मान रहे हैं।इस घटना ने देश में कानूनी व्यवस्था और महिला अधिकारों की सुरक्षा पर बहस को एक बार फिर से जोरदार रूप से सामने ला दिया है।