1st Bihar Published by: Viveka Nand Updated Thu, 11 Sep 2025 12:11:14 PM IST
रेड के दौरान की तस्वीर - फ़ोटो Self
Bihar Education News: बिहार की विशेष निगरानी इकाई ने आज एक धनकुबेर अधिकारी के ठिकानों पर छापेमारी की है. सेवाकाल में अवैध कमाई करने के आरोप में एसवीयू ने दबिश दी है. धनकुबेर अधिकारी हैं शिक्षा विभाग के उप निदेशक वीरेन्द्र नारायण. विशेष निगरानी इकाई 11 सितंबर की सुबह से ही पटना से लेकर मुजफ्फरपुर और पूर्णिया के ठिकानों पर छापेमारी कर रही है. रेड में अकूत संपत्ति का पता चला है.
धनकुबेर निकला डिप्टी डायरेक्टर
शिक्षा विभाग के डिप्टी डायरेक्टर वीरेंद्र नारायण के खिलाफ विशेष निगरानी इकाई ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का केस दर्ज किया है. एसवीयू ने मुजफ्फरपुर में आरडीडीई के पद पर पदस्थापित वीरेन्द्र नारायण के खिलाफ 3 करोड़ 75 लाख 66 हजार 92 रू आय से अधिक अर्जित करने का केस दर्ज कर, कोर्ट से सर्च वारंट लेने के बाद तलाशी ले रही है. एसवीयू की टीम मुजफ्फरपुर स्थित कार्यालय ,पटना स्थित आवास और पूर्णिया के पैतृक आवास की तलाशी ली है. इस दौरान आरडीडीई के ठिकानों से नकद के अलावे जमीन-जायदाद के कागजात के अलावे अन्य दस्तावेज बरामद हुए हैं.
दो महीने पहले तक वैशाली के जिला शिक्षा पदाधिकारी थे वीरेन्द्र नारायण
बता दें, शिक्षा विभाग के क्षेत्रीय उप निदेशक वीरेन्द्र नारायण आज से 71 दिन पहले तक वैशाली के जिला शिक्षा पदाधिकारी हुआ करते थे. शिक्षा विभाग ने इन्हें 30 जून को मुजफ्फरपुर प्रमंडल का क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक बनाया था. डीईओ वैशाली के पद पर रहने के दौरान वीरेन्द्र नारायण पर अवैध तरीके से संपत्ति अर्जित करने की शिकायत मिली थी. वैशाली में पदस्थापन के दौरान जमकर माल उगाही की शिकायत ऊपर तक पहुंची थी. जानकार बताते हैं कि वैशाली में पोस्टिंग के दौरान वीरेन्द्र नारायण ने अवैध तरीके से अकूत संपत्ति अर्जित की. अब जाकर शिकंजा कसा है. विशेष निगरानी इकाई ने आरडीडीई के ठिकानों पर छापेमारी कर रही है.
हाल में कई डीईओ ने अर्जित की है अकूत संपत्ति
वैसे, क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक वीरेन्द्र नारायण अकेले अधिकारी नहीं है. हाल तक कई जिलों में जिला शिक्षा पदाधिकारी रहे शिक्षा सेवा के अधिकारियों ने जमकर माल बनाया. शिक्षा विभाग की तरफ से सरकारी स्कूलों में संसाधन बढ़ाने के लिए करोड़ों रू दिए. काम कराने का जिम्मा जिला शिक्षा पदाधिकारियों को दिया गया था. इन अधिकारियों ने कागज पर काम कराकर जमकर माल बनाया है. जांच एजेंसियों की छापेमारी में अकूत संपत्ति अर्जित करने का खुलासा हो रहा है.