Bihar News: बिहार में खेल मैदान के निर्माण में बड़ा घोटाला, पटना से आई जांच टीम ने पकड़ी गड़बड़ी

Bihar News: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में मनरेगा योजना के तहत बन रहे खेल मैदानों में घटिया निर्माण सामग्री के इस्तेमाल का खुलासा पटना से आई बिहार ग्रामीण विकास सोसाइटी (BRDS) की टीम ने औचक निरीक्षण के दौरान किया है.

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 01 May 2025 11:54:50 AM IST

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बिहार न्यूज - फ़ोटो google

Bihar News: महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में बन रहे खेल मैदानों में घटिया निर्माण सामग्री के इस्तेमाल का मामला सामने आया है। पटना से आई बिहार ग्रामीण विकास सोसाइटी (BRDS) की टीम ने औचक निरीक्षण में कई खामियाँ उजागर की हैं।


इस पांच सदस्यीय टीम का नेतृत्व BRDS के मुख्य परिचालन पदाधिकारी (सीओओ) ने किया। टीम में प्रोजेक्ट इंजीनियर विजय कृष्णा, शशि रंजन, सुमंत कुमार और जावेद अली शामिल थे। टीम ने जिले के कुढ़नी, सरैया और मड़वन प्रखंडों की 12 पंचायतों में बन रहे खेल मैदानों की गुणवत्ता की जांच की।


सीओओ ने बताया कि कई स्थानों पर निर्माण में प्रयुक्त सामग्री जैसे कि रेत, गिट्टी और सीमेंट की गुणवत्ता मानकों के अनुरूप नहीं पाई गई। विशेष रूप से बास्केटबॉल और बैडमिंटन कोर्ट में सतह समतल न होने और रंगाई-पुताई में कमी की शिकायतें मिलीं। इस पर संबंधित अभियंताओं और अधिकारियों को गुणवत्ता सुधारने के निर्देश दिए गए हैं।


निरीक्षण के दौरान डीआरडीए निदेशक अभिजीत कुमार चौधरी, डीपीओ (मनरेगा) अमित कुमार उपाध्याय, संबंधित प्रखंडों के बीडीओ, बीपीओ, पीआरएस, पंचायत तकनीकी सहायक और ग्राम पंचायतों के मुखिया भी उपस्थित थे।


सीओओ ने स्कूल प्रबंधन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों को निर्देशित किया कि वे बच्चों को खेल के प्रति प्रेरित करें और खेल फंड से आवश्यक खेल सामग्री उपलब्ध कराएं। साथ ही उन्होंने सुझाव दिया कि इन मैदानों के नियमित रख-रखाव के लिए ग्राम स्तरीय समितियों का गठन कर उनकी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाए।


राज्य सरकार को विभिन्न जिलों से मनरेगा से बन रहे खेल मैदानों में अनियमितताओं और घटिया निर्माण सामग्री के उपयोग की शिकायतें मिली थीं। इस पर सरकार ने सभी जिलों में एक साथ औचक निरीक्षण कराने का आदेश दिया था। इसी क्रम में यह टीम मुजफ्फरपुर पहुंची और विभिन्न स्थलों का निरीक्षण किया।


सीओओ ने बताया कि निरीक्षण की विस्तृत रिपोर्ट एक सप्ताह के भीतर तैयार कर राज्य सरकार को सौंपी जाएगी। सरकार इस रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई करेगी, जिसमें दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों पर विभागीय कार्यवाही की संभावना है।