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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 03 May 2025 02:10:31 PM IST
प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google
Litchi Farming: उत्तर बिहार, खासकर मुजफ्फरपुर और आसपास के क्षेत्रों के लीची उत्पादक किसानों के लिए भारतीय रेलवे ने एक बड़ी सौगात दी है। रेलवे ने ट्रेन संख्या 19484 बापूधाम-अहमदाबाद एक्सप्रेस की पार्सल स्पेस का ठेका अगले दो वर्षों के लिए ई-नीलामी के माध्यम से प्रदान किया है, जिससे रेलवे को 2.02 करोड़ रुपये की आय होने की उम्मीद है। इसके साथ ही, पवन एक्सप्रेस और अंत्योदय एक्सप्रेस में अतिरिक्त पार्सल वैन जोड़ने की योजना से लीची और अन्य कृषि उत्पादों की ढुलाई को और बढ़ावा मिलेगा। यह पहल न केवल रेलवे के राजस्व को मजबूत करेगी, बल्कि किसानों को पश्चिम भारत के बड़े बाजारों तक अपने ताजा उत्पाद पहुंचाने में भी मदद करेगी।
इस बारे में बात करते हुए पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सरस्वती चंद्र ने बताया कि बापूधाम-अहमदाबाद एक्सप्रेस की पार्सल स्पेस का दो साल का ठेका ई-नीलामी के जरिए दिया गया है। इस अनुबंध से रेलवे को 2.02 करोड़ रुपये की अनुमानित आय होगी। यह निर्णय उत्तर बिहार के लीची उत्पादकों के लिए गेम-चेंजर साबित होगा, खासकर मुजफ्फरपुर स्टेशन से, जहां लीची की बड़े पैमाने पर लोडिंग होती है। इस सुविधा से किसान अपने ताजा फल और अन्य कृषि उत्पादों को अहमदाबाद जैसे पश्चिम भारत के प्रमुख बाजारों तक आसानी से पहुंचा सकेंगे। इससे न केवल उन्हें बेहतर दाम मिलेंगे, बल्कि बाजार की पहुंच भी बढ़ेगी।
जबकि वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक रौशन कुमार ने बताया कि मौजूदा लीची सीजन को ध्यान में रखते हुए पवन एक्सप्रेस में 23 टन की अतिरिक्त क्षमता वाला एक पार्सल वैन जोड़ा गया है। इसके अलावा, अंत्योदय एक्सप्रेस में 5 से 6 अतिरिक्त VPH जोड़ने की योजना पर काम चल रहा है। ये पार्सल वैन देश के दूरदराज के इलाकों तक लीची और अन्य कृषि उत्पादों की सुगम आपूर्ति सुनिश्चित करेंगे। यह कदम खास तौर पर उन किसानों के लिए फायदेमंद होगा, जो छोटे पैमाने पर उत्पादन करते हैं और बड़े बाजारों तक पहुंचने में कठिनाइयों का सामना करते हैं।
उत्तर बिहार, खासकर मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, वैशाली, और पूर्वी चंपारण, भारत में लीची उत्पादन का केंद्र है। मुजफ्फरपुर की शाही लीची को GI टैग प्राप्त है, और यह देश-विदेश में अपनी मिठास और गुणवत्ता के लिए प्रसिद्ध है। हर साल मई-जून में लीची का सीजन होता है, और इस दौरान लाखों टन लीची दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, और कोलकाता जैसे बड़े शहरों में भेजी जाती है। हालांकि, परिवहन की कमी और लागत के कारण कई किसानों को उचित दाम नहीं मिल पाते। रेलवे की यह पहल लीची की त्वरित और किफायती ढुलाई को बढ़ावा देकर किसानों की आय में इजाफा करेगी।