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Bihar News: बिहार में इस दिन से शुरू होगा 704 नए ग्रामीण पुलों का निर्माण कार्य, सरकार ने एजेंसियों को चेताया; नहीं किया यह काम तो होंगे ब्लैक लिस्टेड

Bihar News: बिहार में मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना के तहत 10 सितंबर से 704 नए ग्रामीण पुलों का निर्माण शुरू होगा। 3,688 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले ये पुल गांवों को शहरों से जोड़ने में मदद करेंगे।

1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Fri, 05 Sep 2025 04:17:50 PM IST

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प्रतिकात्मक - फ़ोटो Google

Bihar News: बिहार में गांवों को शहरों से जोड़ने और ग्रामीण स्तर पर बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए बिहार सरकार ने एक बड़ी पहल की है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2025-26 में राज्यभर में कुल 704 नए पुलों का निर्माण कार्य 10 सितंबर से शुरू कर दिया जाएगा। इस योजना पर सरकार कुल 3,688 करोड़ रूपये की धनराशि खर्च कर रही है। जिससे राज्य के हजारों गांवों को स्थायी और सुरक्षित सड़क संपर्क मिल सकेगा।


दरअसल, ग्रामीण कार्य विभाग ने ग्रामीण इलाकों में सड़क और पुल बनाने वाले संवेदकों को स्पष्ट रूप से निर्देश जारी कर दिया है कि यदि 10 सितंबर से उन्होंने ग्रामीण सड़कों और पुलों का नरमन कार्य शुरू नहीं किया तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उनकी जमानत राशि जब्त करने के साथ-साथ उन्हें कालीसूची (ब्लैक लिस्टेड) कर दिया जाएगा।   


मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना योजना का उद्देश्य राज्य के उन ग्रामीण क्षेत्रों में निर्बाध सड़क संपर्कता स्थापित करना है, जहां आज भी बरसात, बाढ़ या पुराने जर्जर पुलों के कारण आवागमन बाधित हो जाता है। मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना के तहत न सिर्फ पुराने और जर्जर पुलों की जगह नए और मजबूत पुल बनाए जाएंगे, बल्कि उन मार्गों को पुलों से जोड़ा जाएगा, जहां आज भी मिसिंग ब्रिज की वजह से रास्ते अधूरे पड़े हैं। साथ ही, बाढ़ या अन्य प्राकृतिक आपदाओं से क्षतिग्रस्त पुलों को फिर से खड़ा किया जा रहा है। राज्य के कई ग्रामीण इलाकों में पुल तो पहले से बने हुए हैं लेकिन पहुंच पथ (एप्रोच रोड) का निर्माण नहीं हो सका है। 


अब वहां भी पुलों के अधूरे निर्माण कार्य को पूरा कराया जाएगा, ताकि लोगों को आवागमन में किसी तरह की परेशानी न हो। राज्य के जिन जिलों में इन पुलों के निर्माण की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई है, उसमें उत्तर बिहार के साथ-साथ दक्षिण बिहार के जिले भी शामिल हैं। सबसे अधिक पुलों का निर्माण पूर्वी चंपारण में किया जा रहा है। पूर्वी चंपारण में कुल 56 पुलों के निर्माण की मंजूरी दी गई है। इसी तरह, दरभंगा में 38, गया, सिवान और सीतामढ़ी में 30-30, सारण और वैशाली में 28-28, भागलपुर और गोपालगंज में 27-27, रोहतास और शेखपुरा में 26-26, नालंदा में 24, बेगूसराय में 20 और राजधानी पटना में 18 पुलों का निर्माण कराया जाएगा।


यह योजना खास इसलिए भी है, क्योंकि इसमें आम जनता की मांग को सरकार ने प्राथमिकता दी है। “जनता के दरबार में मुख्यमंत्री” कार्यक्रम में आए प्रस्ताव और मुख्यमंत्री द्वारा की गई सार्वजनिक घोषणाएं, दोनों को इस योजना में शामिल किया गया है। यानी यह योजना सिर्फ विभागीय पहल नहीं बल्कि जनभागीदारी से बनी योजना है।


सरकार का मानना है कि यह योजना सिर्फ पुलों का निर्माण नहीं, बल्कि गांवों के सामाजिक और आर्थिक विकास की आधारशिला है। किसानों को अपने उत्पाद मंडी तक पहुंचाने में आसानी होगी। बच्चों को स्कूल आने-जाने के लिए सुरक्षित और सुगम मार्ग उपलब्ध होगा और आपात स्थिति में लोगों को इलाज के लिए शहरों के बड़े अस्पतालों तक पहुंचने में आसानी होगी।