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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 12 Sep 2025 09:04:41 AM IST
प्रशांत किशोर पीके - फ़ोटो FILE PHOTO
BIHAR ELECTION : बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं और राजनीतिक हलचल लगातार तेज होती जा रही है। जैसे-जैसे चुनाव नज़दीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी बढ़ता जा रहा है। खासकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) और जन सुराज अभियान के संस्थापक प्रशांत किशोर (PK) के बीच शब्दों की जंग खुलकर सामने आ गई है।
हाल ही में भाजपा के कद्दावर नेता और बेतिया से सांसद डॉ. संजय जायसवाल ने प्रशांत किशोर को एक कानूनी नोटिस भेजा था। इसके बाद से ही दोनों नेताओं के बीच तीखी बयानबाज़ी शुरू हो गई है। इस विवाद ने न केवल मीडिया में सुर्खियां बटोरी हैं, बल्कि बिहार की राजनीति में इसे एक बड़ा मुद्दा माना जा रहा है।
भाजपा सांसद संजय जायसवाल ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी कि उन्होंने प्रशांत किशोर को वकालतन नोटिस भेजा है। उनका आरोप है कि प्रशांत किशोर ने उन पर बेतिया छावनी पुल का एलाइनमेंट बदलने का इल्ज़ाम लगाया था। जायसवाल के मुताबिक यह पूरी तरह झूठ है और उन्होंने PK से या तो सबूत देने या फिर अपने शब्द वापस लेने की मांग की है। संजय जायसवाल ने कहा कि, “मैं चंपारण में घूम रहा था तो बहुत सारे लोगों ने मुझे बताया कि छावनी पुल को जानबूझकर देरी से बनाया गया। लेकिन राजनीतिक स्वच्छता और पारदर्शिता के लिए मैं ही यह साबित करूं कि देरी के लिए मेरी कोई भूमिका नहीं थी। यह सलाह मुझे जनता ने दी है और उसी के तहत मैंने प्रशांत किशोर को चुनौती दी है।”
इस मामले को और ज्यादा रोचक बना देने वाली बात यह है कि संजय जायसवाल ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में एक और चौंकाने वाला बयान दिया। उन्होंने लिखा कि पिछले महीने जब वह बक्सर में थे तो वहां कई लोगों ने उन्हें बताया कि प्रशांत किशोर के जन्म के समय नर्स की अंगूठी गायब हो गई थी और यह आरोप PK पर लगाया गया। “प्रशांत किशोर ने जिस पारदर्शिता का उपदेश मुझे दिया है, उसी आधार पर मैं उनसे अनुरोध करूंगा कि वे बक्सर की जनता को सबूत दें कि नर्स की अंगूठी गायब करने में उनका कोई हाथ नहीं था। संभव है कि अंगूठी लेबर रूम में ही गिर गई हो।”
जायसवाल ने यह भी कहा कि भारतीय संस्कृति का एक मूल मंत्र है – “शठे शाठ्यम समाचरेत”, यानी दुष्ट के साथ दुष्टता से ही व्यवहार करना चाहिए। उनके मुताबिक PK ने बिहार की जनता के सामने जन सुराज अभियान के नाम पर केवल भ्रम फैलाया है, इसलिए जनता उनकी बातों पर संदेह करती है। संजय जायसवाल के इन बयानों पर प्रशांत किशोर चुप नहीं बैठे। उन्होंने सोशल मीडिया और मीडिया दोनों मंचों पर जवाब दिया। PK ने कहा कि संजय जायसवाल का यह पूरा प्रकरण बताता है कि भाजपा अब मेरे खिलाफ व्यक्तिगत स्तर पर भी हमले कर रही है।
पीके ने कहा “संजय जायसवाल जी जैसे वरिष्ठ सांसद को अगर यह कहना पड़े कि मेरा जन्म होते ही नर्स की अंगूठी गायब हो गई थी, तो यह बताता है कि बिहार की राजनीति किस स्तर पर पहुंच चुकी है। मैं जनता से अपील करता हूं कि इस तरह की बेबुनियाद और हास्यास्पद बातों पर ध्यान न दें। असली मुद्दा यह है कि बिहार में रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था को कैसे बेहतर बनाया जाए।”
PK ने यह भी दोहराया कि भाजपा और उसके नेता असल मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं। इसके बाद अब संजय जायसवाल ने इस पूरे विवाद को और आगे बढ़ाते हुए यह ऐलान किया है कि वह मुजफ्फरपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। उन्होंने कहा कि उनकी तरह वे केवल सुनी-सुनाई बातों पर नहीं बल्कि ठोस सबूतों के साथ अपनी बात रखेंगे। उनका कहना है कि, “आज दोपहर 2:30 बजे मेरी प्रेस कॉन्फ्रेंस है। मैं वहां तथ्यों और दस्तावेज़ों के साथ अपनी बात रखूंगा, न कि प्रशांत किशोर की तरह सुनी-सुनाई कहानियां सुनाऊंगा।”
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज भी मैदान में होगी। PK ने पिछले कुछ वर्षों से पूरे राज्य का दौरा किया है और जनता के बीच अपनी पैठ बनाने की कोशिश की है। वहीं भाजपा, जदयू और राजद जैसी बड़ी पार्टियों के बीच PK को लेकर असमंजस की स्थिति है। भाजपा नेताओं का मानना है कि PK की राजनीतिक रणनीति और बयानबाज़ी से मतदाताओं में भ्रम की स्थिति पैदा हो सकती है। वहीं PK खुद को जनता का सच्चा प्रतिनिधि बताते हुए लगातार पुराने दलों पर भ्रष्टाचार और बदइंतजामी के आरोप लगाते रहे हैं। ऐसे में यह विवाद न केवल व्यक्तिगत कटाक्ष तक सीमित है बल्कि इसके जरिए दोनों पक्ष अपने-अपने समर्थकों को संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं।