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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 18 Jul 2025 08:39:23 AM IST
बिहार में बाढ़ का खतरा - फ़ोटो Google
Bihar Flood: बिहार में मानसून की बारिश और नेपाल-झारखंड से छोड़े गए पानी ने नदियों को उफान पर ला दिया है। गंगा, कोसी, गंडक, बागमती, फल्गू समेत छह प्रमुख नदियां खतरे के निशान के करीब या उससे ऊपर बह रही हैं। पटना के गांधी घाट पर गंगा नदी गुरुवार को लाल निशान को पार कर चुकी है, जिससे राजधानी और आसपास के निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। जल संसाधन विभाग ने दिन-रात निगरानी शुरू कर दी है और NDRF-SDRF को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
पटना के अलावा गोपालगंज में गंडक, सीतामढ़ी में बागमती, सुपौल और खगड़िया में कोसी नदी का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है। भागलपुर में गंगा का जलस्तर हर घंटे तीन सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रहा है, जो वर्तमान में 31.85 मीटर पर है, जबकि खतरे का निशान 33.68 मीटर है। नालंदा और जहानाबाद में फल्गू नदी उफान पर है और कई जगह तटबंध टूटने से गांव जलमग्न हो गए हैं। धनरुआ और दानापुर में बांध टूटने से कई पंचायतों में पानी घुस गया, जिससे स्कूल और सड़कें प्रभावित हुई हैं।
बिहार के निचले इलाकों में बाढ़ ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। जहानाबाद के घोसी में तटबंध टूटने से बधार गांव डूब गया और कई मुख्य मार्गों पर पानी बह रहा है। दानापुर के दियारा इलाके में गंगा और सोन नदी के बढ़ते जलस्तर ने कटाव की समस्या पैदा कर दी है, जिससे दर्जनों गांवों का संपर्क टूट गया है। बक्सर में गंगा का पानी रिहायशी इलाकों में घुस गया है और सहरसा में कोसी नदी के कटाव ने एक सरकारी स्कूल को निगल लिया। ऐसे में लोग अब सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं।
उधर जल संसाधन विभाग और प्रशासन बांधों की मरम्मत और निगरानी में जुटा है। 20 जगहों पर सीपेज रोककर बाढ़ का खतरा टाला गया है, लेकिन लगातार बारिश और नेपाल से पानी छोड़े जाने से स्थिति गंभीर बनी हुई है। सरकार ने राहत शिविर शुरू किए हैं और प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है। बिहार के 13 जिलों में 16 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हैं और खरीफ फसलों को भारी नुकसान हुआ है। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और नदियों के किनारे न जाने की अपील की है।