1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 28 Dec 2025 12:56:04 PM IST
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driving center : बिहार परिवहन विभाग ने नए साल में युवाओं के लिए एक अनूठी पहल की घोषणा की है, जो राज्य में रोजगार के नए अवसरों के द्वार खोल सकती है। इस योजना के तहत बिहार में पहली बार विदेशों में चलने वाली बाईं ओर की स्टेयरिंग (लेफ्ट हैंड ड्राइव) वाली गाड़ियों का विशेष प्रशिक्षण शुरू किया जाएगा। इसका उद्देश्य केवल ड्राइविंग सिखाना नहीं है, बल्कि युवाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोजगार के लिए तैयार करना है। पटना सहित कई जिलों में आधुनिक और आवासीय चालक प्रशिक्षण केंद्र खोले जाएंगे, जहां प्रशिक्षण के दौरान वास्तविक ड्राइविंग अनुभव भी दिया जाएगा।
विदेशों में गाड़ियों की स्टेयरिंग बाईं ओर होती है, जबकि भारत में दाईं ओर होती है। यही कारण है कि बिहार के कई युवा विदेश में ड्राइवर की नौकरी चाहकर भी वहां की ड्राइविंग प्रणाली के कारण पीछे रह जाते हैं। परिवहन विभाग ने इस चुनौती को ध्यान में रखते हुए लेफ्ट हैंड ड्राइविंग का विशेष प्रशिक्षण शुरू करने का निर्णय लिया है। विभागीय सचिव राज कुमार के अनुसार, विदेशों में प्रशिक्षित ड्राइवरों की मांग लगातार बढ़ रही है और बिहार के युवाओं में भी इस पेशे को लेकर रुचि बढ़ी है।
योजना के तहत बिहार में पहली बार लेफ्ट साइड स्टेयरिंग के लिए विशेष ड्राइविंग ट्रैक तैयार किया जाएगा। जनवरी से इसके निर्माण का काम शुरू होने की संभावना है। यह ट्रैक पूरी तरह से विदेशों की सड़कों और ट्रैफिक सिस्टम के अनुसार डिजाइन किया जाएगा, ताकि प्रशिक्षण के दौरान युवाओं को वास्तविक अनुभव प्राप्त हो सके। अधिकारियों का मानना है कि इससे ड्राइविंग केवल एक पेशा नहीं रहेगा, बल्कि यह युवाओं के लिए बेहतर करियर विकल्प बन सकेगा।
परिवहन विभाग पटना के अलावा मोतिहारी, सुपौल, नालंदा और बांका में भी आवासीय चालक प्रशिक्षण केंद्र खोलने की योजना बना रहा है। पहले से पटना और औरंगाबाद में ऐसे केंद्र मौजूद हैं। हर केंद्र पर लगभग 20 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत आएगी, जिसमें से बड़ी राशि केंद्र सरकार की ओर से प्रदान की जाएगी। इन केंद्रों में ड्राइविंग प्रशिक्षण के साथ-साथ यातायात नियम, सड़क सुरक्षा और व्यावहारिक प्रशिक्षण पर विशेष जोर दिया जाएगा, ताकि प्रशिक्षित युवा विदेश में नौकरी के लिए पूरी तरह तैयार हो सकें।
इस योजना की सबसे खास विशेषता यह है कि राज्य में खुलने वाले छह आवासीय प्रशिक्षण केंद्रों में से एक केंद्र पूरी तरह महिलाओं के लिए समर्पित होगा। बिहार में पहले से पिंक बसों का संचालन किया जा रहा है और भविष्य में इसका विस्तार किया जाएगा। महिला केंद्रों के माध्यम से महिलाओं को प्रशिक्षित कर परिवहन क्षेत्र में उनकी भागीदारी बढ़ाने का यह एक अहम कदम माना जा रहा है।
परिवहन विभाग का यह प्रयास केवल ड्राइविंग कौशल तक सीमित नहीं है, बल्कि राज्य की स्किल डेवलपमेंट नीति को भी नई दिशा देगा। अगर यह योजना सफल रही, तो आने वाले समय में “बिहारी ड्राइवर” विदेशों में एक भरोसेमंद और कुशल पहचान बन सकता है। इस पहल से न केवल युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे, बल्कि राज्य का नाम भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मानजनक रूप से स्थापित होगा।
इस तरह, बिहार में लेफ्ट हैंड ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना राज्य के युवाओं के लिए रोजगार के नए रास्ते खोलती है, महिलाओं को सशक्त बनाती है और राज्य की स्किल डेवलपमेंट नीति को मजबूत करती है। यह पहल बिहार को तकनीकी और पेशेवर प्रशिक्षण के क्षेत्र में एक नई दिशा देने के साथ ही राज्य के युवाओं को वैश्विक रोजगार बाजार में प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करेगी।